
मामले की जानकारी देते हुए प्रकरण में राज्य की ओर से पैरवी कर रहे जिला लोकअभियोजक जेपीशर्मा ने बताया कि ग्राम परसपुरा निवासी बीरम तंवर ने दिनांक 23.03.2017 को पुलिस थाना भोजपुर मे प्रथम सूचना रिपोर्ट दर्ज करवाई कि दिनांक 22.03.2017 को शाम 6 बजे वह अपने खेत मे काम कर रहा था तभी ग्राम बादरी के आरोपीगण भंवरलाल, लालसिंह,बद्रीलाल आये और बोले कि हमारी बहू सौरमबाई का फैसला क्यों नहीं करते हो..? फरियादी द्वारा पांच पंचों के समक्ष फैसला करने की बात कहते ही आरोपीगण द्वारा अपनी अपनी जेब से माचिस निकालकर फरियादी की मक्का की फसल और घांस में आग लगाकर भाग गए।
पुलिस थाना भोजपुर द्वारा आरोपीगण के विरुद्ध धारा 435 आईं.पी.सी. का अपराध पंजीबद्ध किया जाकर अभियोगपत्र न्यायालय में प्रस्तुत किया गया। प्रकरण के विचारण के दौरान आरोपी बद्रीलाल पिता भंवरलाल और आरोपी लालसिंह पिता लक्ष्मण निवासीगण ग्राम बादरी फरार हो गए।
एक उपस्थित आरोपी भँवरलाल के संबंध में न्यायालय द्वारा विचारण पूर्ण किया जाकर आरोपी भंवरलाल को धारा 435 आई.पी.सी. के अपराध का दोषी पाया जाकर तीन वर्षों के कठोर सश्रम कारावास और 10000 रुपये के अर्थदण्ड की सजा से दंडित किया है।
आरोपी द्वारा जमा की गई अर्थदण्ड की राशि मे से 5000 रुपये बतौर प्रतिकर के फरियादी बीरम पिता लालजीराम निवासी ग्राम परसपुरा को अपील अवधि उपरांत दिए जाने का भी निर्णय पारित किया गया है।
*राजगढ़ जिले की गरिमा को कलंकित करने वाली झगड़ा नात्रा प्रथा के उन्मूलन के लिए माननीय न्यायालय द्वारा दिये जा रहे सख्त निर्णय मील का पत्थर साबित होंगे।