
बुरहानपुर। नगर निगम पर करीब बारह लाख रुपये का भुगतान रोकने आरोप लगाते हुए मंगलवार को ठेकेदार सुमेर मेहरोलिया कलेक्टोरेट पहुंच गया। यहां उसने आत्मदाह का प्रयास किया। कलेक्टोरे में मौजूद पुलिसकर्मियों ने उसे आत्मदाह करने से रोका और अपर कलेक्टर शैलेंद्र सिंह सोलंकी को इसकी सूचना दी। उन्होंने निगमायुक्त से प्रकरण समझने के बाद भुगतान जारी कराने का आश्वासन दिया। तब जाकर ठेकेदार माना। उन्होंने शाम को ठेकेदार को नगर निगम बुलाया था। वहां निगमायुक्त व अन्य अधिकारियों के साथ बैठक कर पूरे मामले को समझने की बात कही थी। ठेकेदार मेहरोलिया का आरोप है कि तीन साल पहले उसने राजघाट में एक निर्माण कराया था। जिसका कुछ भुगतान निगम ने कर दिया था। शेष बचे आठ लाख और एफडी सहित करीब बारह लाख रुपये लेना शेष है। इस रकम को पाने के लिए तीन साल से नगर निगम के चक्कर काट रहा है। अधिकारी बहाने बनाकर उसे टालते आ रहे हैं। नवंबर माह में भी उसने निगामयुक्त और कलेक्टर के नाम पत्र लिखकर चेतावनी दी थी, लेकिन उसे राशि नहीं दिलाई गई। जिसके कारण आत्मदाह जैसा कदम उठाना पड़ा। उसके मुताबिक बाजार से ली गई रकम वापस करनी है। इसके लिए उस पर भारी दबाव है। ऐसे में आत्महत्या के अलावा और कोई विकल्प नहीं दिखता। इधर आयुक्त नगर निगम का कहना है कि मेहरोलिया की बकाया राशि के भुगतान पर कर्मचारी भविष्य निधि संगठन की ओर से रोक लगाई गई है। ठेकेदार को वहां मजदूरों की ईपीएफ के करीब साठ लाख रुपये जमा कराने थे, जो नहीं कराए गए। इसे लेकर प्रकरण विचाराधीन है। इस प्रकरण का निराकरण् होने तक उसे कोई भी भुगतान नहीं करने के लिए कहा गया है। जिसके कारण भुगतान नहीं किया जा रहा।