22.1 C
Madhya Pradesh
Friday, Jul 18, 2025
Public Look
शैक्षणिक

खाने में जहर मिला कर अपने ही पति की कर दी हत्या, जंगल में ठिकाने लगाई लाश,हत्यारी पत्नी को न्यायालय ने दिया आजीवन कारावास

Spread the love

प्रतीकात्मक चित्र

मनासा। श्रीमान अखिलेश कुमार धाकड़, अपर सत्र न्यायाधीश, मनासा के द्वारा आरोपीया सरोज पति हरदेव उर्फ हरीश तेली, उम्र- 35 वर्ष, निवासी-सरवानिया महाराज, जिला नीमच को दो अन्य आरोपीयोें से मिलकर षड़यंत्रपूर्वक उसके पति के खाने में जहर मिलाकर हत्या करके लाश को जंगल में फैंककर साक्ष्य नष्ट करने के आरोप का दोषी पाकर उसको धारा 302, 201 भारतीय दण्ड संहिता, 1860 के अंतर्गत आजीवन कारावास व कुल 2000 रूपये जुर्माने से दण्डित किया।

सुश्री कविता भटट्, अपर लोक अभियोजक द्वारा घटना की जानकारी देते हुुए बताया कि दिनांक 17.03.2010 को फरियादी देशराज के पास सुबह के लगभग 5ः30 बजे सत्यनारायण ने फोन लगाकर उसकी मारूति वेन की की मांग करते हुए कहां की उसके मिलने वाले को लकवा हो गया हैं, जिसे जोगनिया माता ले जाना हैं, इस पर देशराज ने उसके ड्राईवर श्यामलाल को साथ ले जाने को कहा। ड्राईवर श्यामलाल ने दिन के लगभग 3 बजे आकर देशराज को बताया की आरोपीगण सत्यनारायण, नन्दकिशोर एवं सरोज द्वारा उसे यह बताया कि हरदेव तेली जो की सरोज का पति है वह बीमार हैं उसे मारूति में जोगनिया माता ले जाना हैं किंतु उनके द्वारा जोगनिया माता 4-5 किलोमीटर पहले ही जंगल में रोड़ किनारे गाडी रूकवाकर कहा कि हरदेव की मौत हो गई है और उसकी लाश को जंगल में फैककर वापस आ गये। संर्पूण घटनाक्रम संदिग्ध होने से देशराज द्वारा मनासा थाने पर सूचना दी गई व सूचना के आधार पर से जंगल में से मृतक हरदेव तेली की लाश को बरामद कर मर्ग कायम किया गया। मर्ग जांच के दौरान मृतक का पोस्टमार्टम करने पर पता चला की उसकी मृत्यु भोजन में सल्फास जहर होने के कारण हुई हैं। इस पर से थाना मनासा पर अपराध क्रमांक 75/2010 धारा 302, 120बी, 201/34 भारतीय दण्ड संहिता, 1860 के अंतर्गत पंजीबद्ध किया गया। विवेचना के दौरान तीनों आरोपीगण को गिरफ्तार किया गया एवं संपूर्ण विवेचना से यह ज्ञात हुआ की तीनों आरोपीगण द्वारा षड़यंत्रपूर्वक मृतक के भोजन में सल्फास जहर मिलाकर उसकी हत्या करते हुए साक्ष्य नष्ट किये जाने के उद्दैश्य से उसकी लाश को जंगल में फैंक दिया। विवेचना पूर्णकर अभियोग पत्र मनासा न्यायालय मे पेश किया गया। न्यायालय में विचारण के दौरान 2 आरापीगण सत्यनारायण एवं नंदकिशोर को वर्ष 2012 में आजीवन कारावास के दण्ड से दण्डित किया गया, किंतु आरोपिया सरोज के फरार हो जाने से उसके विरूद्ध विचारण लंबित रहा, बाद में आरोपिया के गिरफ्तार होने पर उसके विरूद्ध विचारण पुनः प्रारम्भ हुआ।

अभियोजन द्वारा न्यायालय में विचारण के दौरान फरियादी एवं अन्य महत्वपूर्ण गवाहों के बयान कराये गये। माननीय न्यायालय द्वारा कुछ महत्वपूर्ण गवाहों के पक्षविरोधी होने के बावजूद भी परिस्थितीजन्य साक्ष्य के आधार पर आरोपिया को अपराध का दोषी पाते हुये धारा 302, 201 भारतीय दण्ड संहिता, 1860 के अंतर्गत आजीवन कारावास व कुल 2000रूपये जुर्माने से दण्डित किया। न्यायालय में शासन की ओर से पैरवी सुश्री कविता भटट्, अपर लोक अभियोजक, मनासा द्वारा की गई।

Related posts

आईये हम सब मिलकर बुरहानपुर जिले को प्रदेश का सबसे सुरक्षित जिला बनायें-कलेक्टर श्री सिंह कलेक्टर ने जिलेवासियों से किया आव्हान

Public Look 24 Team

मनमाने तरीके से फीस बढ़ाने वाले 4 स्कूलों पर लगाया 2-2 लाख रु. का अर्थदंड15 दिन में बढ़ी हुई फीस वापस करने के निर्देश दिये…

Public Look 24 Team

श्रीमती गीते विश्व ब्राह्मण महासभा प्रदेश महासचिव नियुक्त

Public Look 24 Team