जिला भोपाल के विशेष न्यायालय पाक्सो एक्ट के न्यायालय ने अपनी ही नाबालिग बेटी के साथ लैंगिक शोषण के आरोपी पिता सतीश अहिरवार को दोषी पाते हुए 376 (क)(ख) भादवि, 376(2)(एफ) भादवि एवं 376(2)(एन) भादवि एवं 5/6 पाक्सो एक्ट के अन्तर्गत तिहरे आजीवन कारावास एवं 3000 रूपये के अर्थदंड से दंडित किया। उक्त प्रकरण में शासन की ओर से पैरवी विशेष लोक अभियोजक श्री टी.पी. गौतम एवं श्रीमती मनीषा पटेल द्वारा की गयी।
विशेष लोक अभियोजक श्रीमती मनीषा पटेल ने बताया कि फरियादिया जो कि एनजीओ संजीवनी सर्विस सोसायटी रेलवे चाईल्ड लाईन भोपाल में टीम सदस्य है, ने थाना स्टेशन बजरिया उपस्थित होकर रिपोर्ट लेख कराई कि मुझे एक अज्ञात व्यक्ति द्वारा सूचना दी गई कि गली नं. 01 साई मंदिर के सामने वाली गली में किराने की दुकान के पास द्वारका नगर थाना स्टेशन बजरिया में एक बच्ची जो कि आरोपी की पुत्री है जो शराब पीता है एवं उसके द्वारा बच्ची के साथ लैंगिक शोषण करने की संभावना है। तब फरियादिया सूचना की तस्दीक हेतु अन्य टीम सदस्य के साथ मौके पर पहुँची, जहॉं उसे पीडिता मिली जिससे मेरे द्वारा पूछने पर बच्ची ने बताया कि मेरे पिता करीब एक साल से मेरे साथ गलत काम कर रहे है। तीन दिन पहले भी पीडिता के पिता द्वारा उसके साथ गलत काम किया गया है। न्यायालय द्वारा अभियोजन के तथ्यों से सहमत होते हुये आरोपी को कठोर दंड से दंडित किया गया।