
टीकमगढ़। पैरवीकर्ता एवं जिला अभियोजन अधिकारी श्री आर.सी. चतुर्वेदी ने बताया कि प्रकरण में अभियोक्त्री के पिता दिनांक 15.09.2017 को थाना बम्होरीकला में इस आशय की रिपोर्ट दर्ज कराई कि उसकी पुत्री (पीडि़ता) घर से लेटरिंग करने की कहकर गई थी, लौटकर नहीं आयी, उसका आस-पास पड़ोस रिश्तेदारी में पता करने पर कोई पता नहीं चला। पीडि़ता के पिता ने संदेह के आधार पर थाना बम्हौरी में अज्ञात व्यक्ति के विरूद्ध बच्ची को बहला-फुसला कर भगा ले जाने की रिपोर्ट थाना बम्होरीकला के अपराध क्रमांक 249/2017 के अंतर्गत दर्ज कराई गई थी। दिनांक 17.09.2017 को पीडि़ता को पुलिस ने दस्तयाब किया था तब उसने बताया था कि आरोपी कल्लू उर्फ राठौर व लखन चढ़ार के द्वारा बहला-फुसलाकर उसे भगा ले गये थे और उसके साथ आरोपीगण ने सामूहिक बलात्कार किया। संपूर्ण अनुसंधान के पश्चात् दोनों आरोपीगण के विरूद्ध धारा 363,366,376(डी),342/34 भादवि, 3(2)(5) एससीएसटी एक्ट व 5(छ)(ठ)/6 पॉक्सो एक्ट का अपराध न्यायालय के समक्ष प्रस्तुत किया गया था। अनुसंधान के दौरान आरोपीगण के ब्लड सेंपल लेकर पीडि़ता के अंत:वस्त्रो से डीएनए का मिलान कराया गया था जिस पर आरोपीगण का डीएनए प्रोफाइल मैच होना पाया गया। विद्वान विशेष न्यायालय पॉक्सो एक्ट, टीकमगढ़ के द्वारा दोनों आरोपीगण को दोषसिद्ध पाते हुए धारा 366/34 भादवि में 07-07 वर्ष का सश्रम कारावास और 2000-2000/- रूपये अर्थदण्ड तथा 376(डी) भादवि में 20-20 वर्ष का सश्रम कारावास और 10000-10000(दस-दस हजार) रूपये अर्थदण्ड एवं आरोपी कल्लू उर्फ दृगपाल सिंह राठौर को 3(2)(5) एससीएसटी एक्ट में आजीवन कारावास एवं 10000/-(दस हजार) रूपये के अर्थदण्ड से दंडित किया गया है।