छतरपुर-जिला अभियोजन कार्यालय से प्राप्त जानकारी के अनुसार फरियादी देवशरण ने अपनी लड़की सीता की शादी दो साल पहले कितपुरा में स्वतंत्र राजपूत के साथ शादी की थी एवं शादी में उसने अपनी लड़की को एक प्लॉट दिया था। आरोपी दामाद स्वतंत्र राजपूत कह रहा था कि उक्त प्लॉट में घर बनवाना पडे़गा उसी को पैसा खर्च करना है तो उसने काम करने से मना कर दिया और फिर उसने 15 दिन पहले उक्त प्लॉट में पिलर खुदवा दिये फिर दामाद स्वतंत्र से बोला कि आगे का काम उसके बस का नहीं है। दिनांक 23 मई 2021 को फरियादी के घर दामाद स्वतंत्र एवं उसकी मां मुन्नी राजपूत आये और स्वतंत्र ने उसकी लड़की सीता को कट्टा अड़ाकर उसके घर से ले गया और अगले दिन सुबह सूचना मिली कि उसकी लड़की सीता को गोली मार कर मार डाला है। वह तुरंत कितपुरा पहुंचा देखा की लडकी सीता के सीने में गोली लगी थी वह बोल नहीं रही थी खत्म हो गयी थी। लड़की को दामाद स्वतंत्र राजपूत ने गोली मारी है गोली मरवाने का पूरा राज उसकी मां मुन्नी राजपूत का है। आरोपी के विरूद्ध थाना गौरीहार में प्रकरण पंजीबद्ध किया गया।
आरोपिया मुन्नी राजपूत द्वारा न्यायालय में जमानत आवेदन प्रस्तुत किया। शासन की ओर से अपर लोक अभियोजक/एडीपीओ श्रीराम यादव ने जमानत का विरोध करते हुये तर्क प्रस्तुत किये। अपर सत्र न्यायाधीश के अतिरिक्त न्यायाधीश गिर्राज प्रसाद गर्ग लवकुशनगर की न्यायालय ने अभियोजन के तर्क से सहमत होते हुये आरोपिया मुन्नी राजपूत का जमानत आवेदन निरस्त कर दिया।
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