
भादवि में 7 वर्ष का सश्रम कारावास एवं 1000 रू. अर्थदण्ड एव धारा 302, 149 में आजीवन कारावास एवं 5000 रू. का अर्थदण्ड एवं अभियुक्त दीपक जाट पुत्र श्री हरिसिंह जाट को धारा 148 में एक वर्ष का सश्रम कारावास एवं 500 रू. अर्थ दण्ड, धारा 307, 149 भादवि में 7 वर्ष का सश्रम कारावास एवं 1000 रू. अर्थदण्ड एवं धारा 302, 149 में आजीवन कारावास एवं 5000 रू. का अर्थ दण्ड एवम अभियुक्त परिमाल सिंह पुत्र मुन्ना सिंह तोमर को धारा 148 में एक वर्ष का सश्रम कारावास एवं 500 रू. अर्थदण्ड, धारा 307, 149 भादवि में 7 वर्ष का सश्रमकारावास एवं 1000 रू. अर्थ दण्ड एवं धारा 302, 149 में आजीवन कारावास एवम 5000 रू. का
अर्थ दण्ड तथा धारा 25(1-ख)(क) में 01 वर्ष का सश्रम कारावास एवं 500 रू. के अर्थ दण्ड से दंडित किया गया।
प्रकरण में पैरवीकर्ता अतिरिक्त जिला लोक अभियोजन अधिकारी श्री अनिल मिश्रा ने बताया कि दिनांक 21.10.13 को 23ः45 बजे फरियादी राजू उर्फ राजवीर सिंह बैस ने घायल अवस्था में पुलिस थाना ग्वालियर के थाना प्रभारी संजय मिश्रा को देहाती नालसी पर इस आशय की सूचना दी थी कि वह अपने लडके गौरव तथा भतीजे शैलेन्द्र सिंह के साथ रात्रि 10ः30 बजे अपने मार्केट काला महल के सामने बैठा था तभी अभिषेक तोमर मोटरसाईकिल से
आया और उससे बोला कि तुम हड़डी बैस को बुलाते हो बैठाते हो उसने मना किया कि उसका उससे कोई लेना देना नही है तब अभिशेक मा -बहन की गंदी गंदी गालिया देने लगा तभी पीछे से परमाल तोमर, राजू सिकरवार, बंटू सिकरवार, उपेन्द्र बैस ओर मनीष कंजा मोटरसाईकिल से आ गये और उसकी मारपीट करने लगे तथा बोले कि आज तेरी गांड में गोली मारेंगे। वह छूटकर भागने लगा तो अभिषेक तोमर ने पिस्टल निकाल ली और लोड करने लगा तभी राजू सिकरवार और उपेन्द्र और बंटू बोले कि इसे गोली मार दो। परमाल नेपिस्टल निकालकर लोड की तो मनीष कंजा बोला जल्दी गोली मारो नहीं तो भाग जायेगा।
तभी परमाल तोमर ने जान से मारने की नियत से उस पर गोली चलायी जो उसकी बायीं तरफ जाघ में लगी, वह गिर गया। गोली की आवाज सुनकर सूरज घर से बाहर निकला तोअभिसेक बोला इसने देख लिया है इसे भी मार देते है । सूरज पीछे मुडा तो अभिशेक ने पिस्टल की गोली जान से मारने की नियत से मारी जो सूरज की छाती में लगी ओर वह घर के दरवाजे पर गिर पडा । जिसे उसकी बहन ने घर के अंदर खीच लिया। सभी लोग गोली मारने के बाद मोटरर्साइकिल पर बैठकर भाग गये। घटना नंदन सिकरवार, रामभरोशी शर्मा , शेलेन्द्र सि ह व गौरव सिंह ने देखी। उसे अस्पताल आते समय पता चला कि सूरज की मृत्यु हो गयी है। उक्त सूचना के आधार पर पुलिस ने प्रकरण पंजीबद्ध कर विवेचना में लिया तथा विवचेना पूर्ण कर चालान माननीय न्यायालय के समक्ष प्रस्तुत किया गया।
माननीय विचारण न्यायालय अभियोजन के तर्कों से सहमत होकर आरोपीगणों को सजा सुनाई।
उक्त प्रकरण में शाशन की ओर से पैरवी अतिरिक्त डीपीओ श्री अनिल कुमार मिश्रा के द्वारा की गई।