न्यायालय श्रीमान अम्बुज पाण्डेय, नवम अपर सत्र न्यायाधीश महोदय, जिला उज्जैन के न्यायालय द्वारा आरोपीगण 01. शाहिद पठान पिता शहजाद खॉ, आयु 30 वर्ष, 02. अब्दुल वहीद पिता अब्दुल रशीद जलील उम्र-45 वर्ष, 03. गोलू उर्फ शाईन पिता सुल्तान खॉ आयु-23 वर्ष, 04. सुल्तान पिता बाबू खान आयु 47 वर्ष, 05. अब्दुल वाजिद पिता वाहिद कुरैशी उम्र 24 वर्ष 06. शाहबाज खान पिता शहजाद खान आयु 36 वर्ष 07. नाहरू पिता मतिन खान को धारा 307/149 भादवि में 07-07 वर्ष सश्रम कारावास, धारा 326/149 भादवि में 05-05 वर्ष का सश्रम कारावास एवं 323/149 में 01-01 वर्ष का सश्रम कारावास, धारा 148 भादवि में 01-01 वर्ष का सश्रम कारावास की सजा एवं शाहबाज व नाहरू को आयुध अधिनियम में भी 02-02 वर्ष के कठोर कारावास से दण्डित किया गया।
उप-संचालक अभियोजन डॉ0 साकेत व्यास ने अभियोजन घटना अनुसार बताया कि, फरियादी शकील खां ने दिनांक 17.02.2018 को थाना कोतवाली पर प्रथम सूचना रिपेार्ट लेखबद्ध कराई थी कि उसकी पत्नी गबू ने नाहरू व उसके परिवार के खिलाफ मारपीट की रिपोर्ट की थी उसी बात को लेकर नाहरू ने उसकी बहन शबाना, भाई रफीक, पत्नी गबू तथा उसके पिता चांदखॉ को गाडी अड्डा पर बुलाया था जब वे गाडी अड्डा पहुचे तो चार मोटर साइकिलों से गोलू उर्फ शाईन और शाहिद हाथ में कट्टा लिये, नाहरू तलवार लिये, बाल अपचारी तथा शाहबाज चाकू लेकर तथा अब्दुल वहीद तथा अब्दुल वाजिद तथा सुल्तान सरिये लिये आया और उन्हें मॉ-बहन की नंगी-नंगी गालिया देने लगे और बोले कि चिमनगंज में जो रिपोर्ट की है उसका राजीनामा कर लो तो उन्होंने मना कर दिया। इस बात को लेकर गोलू और शाहिद ने कट्टे से उसकी बहन शबाना पर गोली चलाई जो उपर से निकल गई । उसके भाई रफीक को नाहरू ने तलवार की मारी जो सिर में लगी। बाल अपचारी ने चाकू से उसके भाई रफीक को मारा जिससे गाल तथा हाथ की उंगलियों में चोट आयी तथा शाहबाज ने चाकू से उसे मारा जिससे बायें गाल पर उसे चोट लगी और खून निकल आया तथा वाहिद ने उसकी पत्नी गबू को सरिये से मारा जिससे उसकी पत्नी के हाथ में चोट लगी। सभी ने एकमत होकर जान से मारने की नीयत से हमला किया और सभी जाते जाते बोले कि अगर थाने में रिपोर्ट की तो जान से खत्म कर देंगे। थाना कोतवाली द्वारा फरियादी की रिपोर्ट पर प्रथम सूचना रिपोर्ट लेखबद्ध कर आवश्यक अनुसंधान पश्चात अभियोग पत्र माननीय न्यायालय में प्रस्तुत किया गया था।
दण्ड के प्रश्न परः- अभियुक्तगण द्वारा न्यायालय से निवेदन किया कि उनकी आर्थिक एवं सामाजिक दशा को दृष्टिगत रखते हुये सहानुभूति विचार कर दण्डित किया जाये।
अभियोजन द्वारा न्यायालय से निवेदन किया कि अभियुक्तगण को अधिकतम दण्ड से दण्डित किया जाये।
न्यायालय की टिप्पणीः- आरोपीगण द्वारा पूर्व के झगडे में राजीनामा करने के लिये फरियादी पक्ष को बुलाया गया तथा उस समय आरोपीगण घातक आयुध चाकू, तलवार, सरिये से लेस होकर पहुंचे और फरियादी पक्ष द्वारा राजीनामा के लिये इंकार करने पर उन्हें प्राणघातक तथा गंभीर उपहतियां कारित की गई तथा एक साथ चार लोगों को उपहतियां कारित की गई। ऐसी दशा में अभियुक्तगण किसी सहानुभूति के पात्र नहीं हैं।
न्यायालय ने अभियोजन के तर्कों से सहमत होकर आरोपी को दण्डित किया।
प्रकरण में शासन की ओर से पैरवी श्री रविन्द्र सिंह कुशवाह, ए0जी0पी0 उज्जैन द्वारा की गई।
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