खिरकिया। अवैध शराब का कारोबार छीपाबड़ थाना क्षैत्र मंे कोने कोने तक फैला हुआ है। जिसके चलते ग्रामीणो को शराब दूध के पैकेट की तरह आसानी से उपलब्ध हो रही है। क्षैत्र मे इन दिनो खुलेआम ग्रामो तक शराब पहुंचायी जा रही है। थाना क्षैत्र के कई ग्रामो मे शराब ठेकेदार द्वारा अपने शराब सेंटर बना लिऐ गऐ है। नगर में नियम शर्तो के तहत लायसेंसधारी शराब दुकानों पर बिकने वाली अंग्रेजी शराब अब गांव, देहात और आदिवासी अंचलों में अवैध रूप से बेची जा रही है। कोई गांव में किराना दुकान तो कही पान की गुमटी, तो कोई से ग्राम मे घरो से अवैध शराब बेची जा रही है। जहां पर प्रतिदिन अपनी गाडियो के माध्यम से शराब पहुंचाने की घर पहुंच सेवा उपलब्ध की जा रही है। ग्रामीण क्षैत्रो मे जितनी आसानी से दूध के पैकेट नही पहुंचते है, उतनी आसानी से शराब की बोतले पहुंच जाती है। शासन द्वारा ठेकेदार को एक दुकान का लायसेंस दिया गया है। लेकिन ठेकेदार द्वारा थाना क्षैत्र में 50 से अधिक दुकाने खोल ली गई है। जब शराब के अवैध कारोबार पर नजर रखकर पडताल की गई तो कई ग्रामो में अवैध शराब का कारोबार देखा गया।
समूचे थाना क्षैत्र में बिक रही अवैध शराब
थाना क्षैत्र के ग्रामो में कई अवैध शराब की दुकाने चल रही है। शराब ठेकेदार द्वारा ग्रामो में शराब पहुंचायी जाती है, बावजूद इसके विभाग द्वारा कोई कार्यवाही नही की जाती है। ऐसे में शासन को जितना राजस्व शराब दुकानों से मिलता है। उससे पांच गुना ज्यादा अवैध शराब बेचकर ठेकेदार अपनी जेब में रख रहे है। अधिकारियों से सांठगांठ कर अवैध शराब का कारोबार करने वाले खूब चांदी काट रहे है। वही ग्रामीण युवा अवैध शराब की लत में गिरफ्त हो रहे है। जिसके चलते ग्रामीण क्षैत्रो में अपराध भी बढ़ते जा रहे है। शराब से पारिवारिक विवादो को भी बढ़ावा मिल रहा है। इसके अतिरिक्त शराब पीकर लोग घटना दुघर्टनाओ का भी षिकार हो रहे है। अवैध शराब के कारोबार ग्रामो तक पहुंचने से ग्रामीण क्षैत्रो का माहौल भी खराब हो रहा है।
छोटे प्रकरण बनाकर करते है खानापूर्ति
जिम्मेदार अधिकारियो द्वारा छोटे प्रकरण बनाकर खानापूर्ति की जाती रही है। एक दो दर्जन क्वार्टर पकड़कर अवैध शराब का प्रकरण बना देते है, लेकिन जहां से शराब उपलब्ध करायी जा रही है, उन पर कार्यवाही से परहेज किया जाता है। आबकारी विभाग तो मानो थाना क्षैत्र से नदारद है। वही पुलिस का भी इस ओर ध्यान नही है। पूर्व में पुलिस द्वारा कार्यवाही की जाती थी, लेकिन यह कार्यवाही भी रस्म अदायगी मात्र होती है।
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