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Thursday, May 22, 2025
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जघन्य एवं सनसनीखेज प्रकरण में हत्या कारित करने वाले 02 आरोपीगण को न्यायालय ने दिया आजीवन कारावास

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न्यायालय श्रीमान सुनील मालवीय, अपर सत्र न्यायाधीश महोदय, बड़नगर, जिला उज्जैन के न्यायालय द्वारा आरोपीगण 01. बनेसिंह पिता माधूलाल, उम्र 55 वर्ष, 02. घनश्याम पिता बनेसिंह, आयु 26 वर्ष निवासीगण ग्राम कल्याणपुरा जिला उज्जैन को धारा 302 भादवि में आरोपीगण को आजीवन कारावास एवं कुल 4,000/-रूपये के अर्थदण्ड से दण्डित किया गया तथा फरियादी पक्ष को म.प्र. अपराध पीड़ित प्रतिकर योजना 2015 में उचित प्रतिकर दिलाये जाने की अनुशंसा की गई।
उप-संचालक अभियोजन डाॅ0 साकेत व्यास ने अभियोजन घटना अनुसार बताया कि, फरियादी ताराबाई ने थाना भाटपचलाना में उपस्थित होकर प्रथम सूचना रिपोर्ट लेखबद्ध कराई कि दिनांक 05.07.2016 को रात लगभग 10.00 बजे जब वह तथा उसका पति समंदरसिंह ग्राम कल्याणपुरा अपने घर के अंदर बैठे थे तो बनेसिंह ने मेरे पति को माॅ बहन की अश्लील गालियां देने लगा ओर बोला कि तेरी पत्नी को मंे रखूंगा। उस पर ताराबाई व समंदरसिंह बाहर आकर उसे समझाने लगे तभी घनश्याम व ललिता भी वहां पर आ गये ओर तीनों बोले कि आज समंदरसिंह को जान से मार देगें क्योंकि उसने उनकी बहू के साथ घटना कारित की थी। समंदरसिंह ने उनसे कहा कि तुम झूठी शंका करते है ओर उसका तुम्हारी बहु के साथ कोई लेना देना नहीं है। इसी बात पर बनेसिंह गुस्से में धारिया लेकर समंदर सिंह को मारने आ गया, समंदरसिंह के साथ मारपीट की तथा घनश्याम ने कुल्हाड़ी व बनेसिंह ने धारिया से समंदरसिंह के सिर में मारा। ललिता ने तलवार अभियुक्त बनेसिंह को दी तो बनेसिंह ओर घनश्याम ने मिलकर तलवार व कुल्हाड़ी से समंदरसिंह के सिर, हाथ, पैर में प्रहार किये जिससे समंदरसिंह की मौके पर ही मृत्यु हो गई। पुलिस थाना भाटपचलाना द्वारा फरियादी की रिपोर्ट पर अपराध पंजीबद्ध कर आवश्यक अनुसंधान अभियोग पत्र माननीय न्यायालय में प्रस्तुत किया गया। न्यायालय द्वारा अभियोजन के तर्कों से सहमत होकर आरोपी को दण्डित किया गया।
नोटः- अभियुक्ता ललिता बाई को संदेह का लाभ देकर दोषमुक्त किया गया।
न्यायालय की टिप्पणीः- आपराधिक विचारण का उद्देश्य सामाजिक न्याय में निहित है और न्यायाधीश का कार्य सामाजिक न्याय करना है, कोई भी आपराधिक व्यक्ति दण्ड से बचना नही चाहिए दण्ड का आशय केवल अभियुक्त को दण्डित किया जाना ही नहीं है, बल्कि समाज में ऐसा संदेश जाना चाहिए की देश में विधि का शासन है और कोई भी व्यक्ति जिसने अपराध कारित किया है वह कानून से बच नही सकता।
प्रकरण में शासन की ओर से पैरवी श्रीमती भारती उज्जालिया, विशेष लोक अभियोजक, बड़नगर जिला उज्जैन द्वारा पैरवी की गई।

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