
फरियादिया ने दिनांक 02/08/18 को थाना पनागर में इस आषय की सूचना दी कि वह अपने माता-पिता व 2 बहनों के साथ रहती है। उसका मकान गांव के बाहर खेत में बना है। कुछ महीने पूर्व मृतिका के पास एक मोबाइल फोन देखा था जो कि मोबाइल फोन पर किसी से बात कर रही थी। पूछने पर उसने आरोपी अमित बर्मन निवासी सुंदरपुर के साथ बात करना बताया था, तब फरियादिया व उसकी मां ने मृतिका को अमित बर्मन से बात करने को मना किया, तभी से वह अमित बर्मन से बात नहीं कर रही थी। दिनांक 01/08/2018 की षाम को उसके पापा सुंदरपुर गये हुये थे। उसकी मां घर पर लेटी हुई थी, वह अपनी दोनों बहनों के साथ घर का दरवाजा बंद करके लेटी हुई थी। रात्रि करीब 9 बजे किसी अज्ञात व्यक्ति ने दरवाजे को जोर से पीटा जिससे दरवाजे की साकल खुल गई थी। वह व्यक्ति घर में घुस आया जिसके मुंह पर कपड़ा बंधा हुआ था और हाथ में एक लोहे का बका लिये हुये था। उस व्यक्ति ने जान से मार डालने की गरज से फरियादिया के सिर पर बका मारा जिससे उसके सिर में दाहिने तरफ लगने से कट गया और मारपीट में हमलावर अमित बर्मन के मुंह पर बंधा कपड़ा खुल गया। इसके बाद हमलावर अमित बर्मन ने मृतिका को जान से मारने की नीयत से दौड़ा लिया और उसे जबरजस्ती खींचकर अधेंरे में खेतों की ओर ले गया। फरियादिया का घर गांव से दूर खेतों में होने के कारण कोई तत्काल मदद नहीं मिली और रात में तलाष करने पर भी मृतिका का षव नहीं मिला था। बाद में आरोपी अमित बर्मन की निषादेही पर मृतिका का षव बरामद हुआ। उक्त घटना की सूचना थाना पनागर में देने पर रिपोर्ट लेख करायी। जिस पर थाना पनागर के अपराध क्रमांक 589/2018 धारा 459, 364, 307, 302, भादवि धारा 11(अ) पॉक्सो का मामला पंजीबध्द कर विवेचना में लिया गया। विवेचना उपरांत अभियोग पत्र न्यायालय में प्रस्तुत किया गया। अभियोजन निदेषक श्री अन्वेश मंगलम के कुषल मार्गनिर्देषन में जिला अभियोजन अधिकारी श्री अजय कुमार जैन के द्वारा मामले में सशक्त पैरवी की गई। मामलें में कुल 14 साक्षियो की साक्ष्य को सम्पन्न कराते हुये अभियोजन द्वारा लगाये गये सभी आरोपों को अक्षरसः प्रमाणित किया।
जिला अभियोजन अधिकारी श्री अजय कुमार जैन के तर्को से सहमत होते हुये न्यायालय विषेश न्यायाधीष (पॉक्सो) श्रीमती ज्योति मिश्रा जबलपुर के द्वारा आरोपी अमित बर्मन निवासी ग्राम सुंदरपुर थाना पनागर जिला जबलपुर को थाना पनागर के अपराध क्रमांक 589/2018 में उल्लेखित सभी आरोपों में दण्डादेष करते हुये धारा 459, 364, 307 भादवि में 10-10 वर्ष का सश्रम कठोर कारावास एवं 2000-2000 रूपये अर्थदण्ड, धारा 302 भादवि में आजीवन कारावास एवं 5000/- रूपये अर्थदण्ड से दंडित किया गया। यद्यपि कि जिला अभियोजन अधिकारी श्री अजय कुमार जैन ने अपराध की प्रकृति, मृतिका की आयु और आरोपी द्वारा किये गये नृषंस अपराध को देखते हुये फांसी की सजा देने की प्रार्थना की जिसे माननीय न्यायालय ने स्वीकार नहीं किया।