टीकमगढ़। पैरवीकर्ता अधिकारी श्री आर.सी. चतुर्वेदी, जिला अभियोजन अधिकारी ने बताया कि घटना इस प्रकार है कि दिनांक 03.11.2018 को पीडि़ता के माता-पिता मजदूरी करने के लिए बाहर गये हुए थे, वह घर पर अपने छोटे भाई के साथ थी, रात्रि करीब 09:00 बजे आरोपी संतोष कुशवाहा उसके घर आया और उसने पीडि़ता के घर का दरवाजा खुलवाया और अंदर घुसकर घर की कुंदी अंदर से लगा ली और पीडि़ता को धमकी दी कि यदि वह चिल्लाई तो उसके भाई को खत्म कर देगें और उसने पीडि़ता के साथ जबरदस्ती बलात्कार किया और फिर वह वहां उेस चला गया। पीडि़ता द्वारा दिनांक 10/11/2018 को माता-पिता के घर वापिस लौटने पर आरोपी के विरूद्ध प्रथम सूचना रिपोर्ट लेख करायी थी, विवेचना के दौरान आरोपी को गिरफ्तार कर आरोपी एवं पीडि़ता का डीएनए परीक्षण कराया गया था। संपूर्ण अनुसंधान उपरांत अभियोग पत्र माननीय न्यायालय टीकमगढ़ के समक्ष प्रस्तुत कर विचारण किया गया था। विचारण के दौरान अभियोजन की ओर से प्रस्तुत विस्वश्नीय साक्ष्य एवं बहस के दौरान जिला अभियोजन अधिकारी द्वारा प्रस्तुत तर्कों से संतुष्ट होते हुए माननीय न्यायालय द्वारा आरोपी संतोष कुशवाहा को धारा 376(2)(आई) भादवि में 10 वर्ष के सश्रम कारावास एवं 10000/-(दस हजार) रूपये के अर्थदण्ड, धारा 450 भादवि में 05 वर्ष के सश्रम कारावास एवं 500/-(पांच सौ) रूपये एवं 506(2) भादवि में 02 वर्ष के सश्रम कारावास एवं 200/-(दो सौ) रूपये के अर्थदण्ड से दंडित किया है। माननीय न्यायालय द्वारा अभियुक्त पर अधिरोपित 10700/-(दस हजार सात सौ) रूपये का अर्थदण्ड की राशि पीडि़ता को देने का निर्देश दिया है साथ ही पीडि़ता को पीडि़त प्रतिकर योजना के अंतर्गत भी 50000/-(पचास हजार) रूपये दिये जाने की अनुशंसा की है।