अभियोजन कार्यालय से प्राप्त जानकारी के अनुसार घटना दिनांक 27 सितम्बर 2018 को फरियादी धर्मदास अहिरवार, निवासी लवकुशनगर ने थाना लवकुशनगर में रिपोर्ट लेख कराई कि वह अपने बटाई वाले खेत में उडदा काटने मोहल्ले के कुछ लोगों को लेकर आया था और वह खेत के पास ही भैंस चरा रहा था। उसने पास के खेत में देखा कि मूलचन्द्र अहिरवार की पत्नी गणेशी बाई जो उसके बटाई वाले खेत में उडदा काट रही थी खून से लथपथ मरी पडी थी फिर उसने तत्काल उसके लडके को उसके घर जाकर सूचना दी तो वह खेत पर आया तो गणेशी बाई के साथ उडदा काट रहे व्यक्ति ने उसे बताया कि मृतिका गणेशी बाई का पति मूलचन्द्र अहिरवार, उसको बुलाकर ले गया था। गणेशी बाई की हत्या उसके पति मूलचन्द्र अहिरवार ने किसी धारदार हथियार से उसकी गर्दन व पेट में मारकर कर दी है। उक्त सूचना के आधार पर अपराध पंजीबद्ध किया गया। पुलिस ने सम्पूर्ण विवेचना उपरांत मामला न्यायालय में पेश किया।
अभियोजन की ओर से अपर लोक अभियोजक/एडीपीओ श्रीराम यादव ने पैरवी करते हुए मामले के सभी सबूत एवं गवाह कोर्ट में पेश किए। लवकुशनगर अतिरिक्त अपर सत्र न्यायाधीश, गिर्राज प्रसाद गर्ग की कोर्ट ने मामले की गंभीरता को देखते हुये आरोपी मूलचन्द्र अहिरवार को हत्या के आरोप में दोषी करार देते हुए आजीवन कारावास एवं 2000 रूपये के जुर्माने की सजा सुनाई है।