
आज दिनांक 04/09/2021 को जिला अभियोजन अधिकारी श्री संजीव श्रीवास्तव ने बताया कि न्यायालय- बाइसवें अपर सत्र न्यायाधीश श्री मुकेश नाथ, जिला इंदौर के न्यायालय में थाना कनाडिया के अपराध क्रमांक 419/18, सत्र प्रकरण क्रमांक 265/18, में निर्णय पारित करते हुए आरोपी गोपाल सिंह पंवार पिता स्व0 मेहरबान सिंह उम्र 24 वर्ष निवासी ग्राम झलारिया पुलिस थाना कनाडिया इंदौर को दोषी पाते हुए धारा 304बी भादवि में 10 वर्ष का कठोर कारावास एवं 5000 रूपये अर्थदण्ड एवं अर्थदण्ड की राशि अदा नहीं करने पर 03 माह का अतिरिक्त कारावास एवं धारा 498 ए भादवि में 03 वर्ष का कठोर कारावास एवं 1000 रूपये के अर्थदण्ड एवं अर्थदण्ड की राशि अदा नहीं करने पर 01 माह का अतिरिक्त कारावास से दंडित किया गया। आरोपी द्वारा अर्थदण्ड की राशि अदा न करने पर उल्लेखित दोनों धाराओं में दी गई सजा पृथक पृथक दंड से भुगताया जाने का आदेश दिया गया एवं अर्थदण्ड की सम्पूर्ण राशि अभियोक्त्री की माता भूरीबाई को दिये जाने का आदेश दिया गया है । प्रकरण में अभियोजन की ओर से पैरवी श्री विनोद मिलन अपर लोक अभियोजक द्वारा की गई ।
अभियोजन की ओर से श्री विनोद मिलन अपर लोक अभियोजक द्वारा तर्क किया गया व उपधारणा के संबंध में ध्यान आकर्षित कराते हुए निवेदन किया कि अभियुक्त के द्वारा नव विवाहिता को दहेज के लिए इतना प्रताडित किया कि वह खुद के ऊपर घासलेट डालकर आग लगाने को मजबुर हुई। आरोपी द्वारा दहेज म़ृत्यु का गंभीरतम अपराध किया गया है इसलिए अभियुक्त को कठोरतम दंड से दंडित किये जाने का निवेदन किया गया। न्यायालय द्वारा अपने निर्णय में यह लेख किया है ।
अभियोजन कहानी संक्षेप में इस प्रकार है कि दिनांक 22.11.2017 को रात्रि करीबन 23:30 बजे अरबिन्दो हॉस्पीटल के डॉक्टर जी0डी0सेठिया, सीएमओ इंदौर द्वारा पुलिस थाना कनाडिया इंदौर को इस आशय की सूचना दी कि मृतिका उम्र 23 वर्ष चिमनी के ऊपर गिर जाने से 80 प्रतिशत जली हुई अवस्था में भगवान सिंह नामक व्यक्ति द्वारा ईलाज के लिये अरबिन्दो हॉस्पीटल लेकर आया है जिसकी ईलाज के दौरान दिनांक 22/11/2017 को रात्रि 23:30 बजे मृत्यु हो गई है । उक्त सूचना के आधार पर पुलिस थाना कनाडिया इंदौर दिनांक 23/11/2017 को रात्रि 1 बजे मर्ग पंजीबद्ध किया गया । मर्ग जॉच में लेकर आरोपी गोपाल सिंह पंवार एवं मंजु बाई के विरूद्ध अपराध क्र.419/18 धारा 498ए, 304बी भादवि का अपराध पंजीबद्ध किया गया था । प्रकरण विवेचना में लेकर मृतिका के सुसाइड नोट में यह लिखा था कि आरोपीगण द्वारा उसे बारम्बार प्रताडित किया गया था जिस कारण मृतिका अपने जीवन का दाह करने के लिये मजबूर होकर स्वयं के ऊपर घासलेट डालकर आग लगा ली । बाद विवेचना उपरांत अभियोग पत्र माननीय न्यायालय के समक्ष पेश किया गया।