अतिरिक्त लोक अभियोजक श्री सुनील कुरील द्वारा आपत्ति करने पर मा. अपर सत्र न्याायाधीश श्री आर.के. पाटीदार ने आमजन से धोखाधडी करने वाले आरोपी दीपक पिता केदू पारखे आयु 45 वर्ष निवासी महाराष्ट्र का जमानत आवेदन निरस्त किया।
अतिरिक्त जिला अभियोजक श्री सुनील कुरील ने बताया कि, आरोपी ने सुनियोजित तरीके से सुपर पॉवर इन्वेस्टमेंट सर्विेसेज इंडिया लिमिटेड नामक कंपनी बनाकर रजिस्ट्रार आफ कंपनीज, मुंबई से उसका रजिस्ट्रे शन कराया व औरंगाबाद महाराष्ट्र में कंपनी का हेड आफिस खोलकर आम लोगो से निवेश कराया । वर्ष 2012 में अभियुक्त दीपक पारखे की कंपनी ने नेपानगर, बुरहानपुर में मुख्य् एजेंट कैलाश महाजन, शिरीष रायबाकर व अन्य के माध्यम से आमजन को अधिक ब्याज का लालच देकर उनसे भारी मात्रा में रूपयो का निवेश करवाया । आरोपी ने स्टेट बैंक ऑफ इंडिया नासिक व औरंगाबाद में कंपनी के खाते खोलकर चेकबुक प्राप्ते कर निवेशको को चेक व वाउचर जारी किये । प्रारंभ में आरोपी ने लोगो को जमा राशि का भरपूर ब्याज व एजेंटो को कमीशन दिया जिससे अधिक से अधिक लोग प्रलोभन में आ गए। इस तरह कंपनी ने अपने एजेंटो के माध्यम से लगभग 2.5 करोड रूपये निवेशको से प्राप्त किये । वर्ष 2014 से ब्याज देना व राशि लौटाना बंद कर दिया व आरोपी ने बैंक से सारी राशि निकाल ली। जिसकी रिपोर्ट थाना नेपानगर में धारा 420, 406, 109, 114, 120बी, 409 भा.द.वि. के अंतर्गत दर्ज कर विवेचना उपरांत अभियोग पत्र मा. न्यायालय के समक्ष प्रस्तुत किया और प्रकरण वर्तमान मे विचारण मे है।
आरोपी दिपक के अधिवक्ता द्वारा मा. न्यायालय के समक्ष जमानत हेतु आवेदन प्रस्तुात किया गया जिस पर अतिरिक्त जिला अभियोजक श्री सुनील कुरील द्वारा इस आधार पर आपत्ति ली कि आरोपी के द्वारा किया गया कृत्य आमजन को लालच देकर बडी राशि एकत्र कर छल से हड़पने से संबंधित होकर गंभीर प्रकृति का है यदि आरोपी दीपक को जमानत दी जाती है तो यह पुन: लोगो के साथ धोखाधडी करेगा तथा इस प्रकार के अपराधो में वृद्धि होने की संभावना है तथा आरोपी महाराष्ट्र का है जिससे उसके फरार होने की संभावना है ।
आरोपी के जमानत आवेदन पर अतिरिक्त जिला अभियोजक श्री सुनील कुरील द्वारा वैधानिक आपत्ति ली गयी आपत्ती को ध्यायन में रखते हुए मा. न्यायालय ने आरोपी दीपक पिता केदू पारखे आयु 45 वर्ष निवासी महाराष्ट्र का तर्क विश्वास योग्य नहीं माना तथा जमानत आवेदन निरस्त किया।