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Sunday, Nov 10, 2024
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पूर्व मंत्री श्रीमती अर्चना चिटनिस ने केन्द्रीय कृषि मंत्री से केला एक्सपोर्ट में मध्यप्रदेश को जोड़ते हुए बुरहानपुर, खंडवा, खरगोन और बड़वानी जिलों का समावेश करने की रखी मांग, प्रस्ताव भेजने के जारी किए निर्देश

बुरहानपुर। मध्यप्रदेश की पूर्व कैबिनेट मंत्री श्रीमती अर्चना चिटनिस (दीदी) ने केन्द्रीय कृषि एवं किसान कल्याण मंत्री मा.श्री नरेन्द्रसिंह जी तोमर से भेंट कर केला एक्सपोर्ट (क्लस्टर बनाना एक्सपोर्ट झोन) में मध्यप्रदेश को जोड़ते हुए बुरहानपुर, खंडवा, खरगोन और बडवानी जिले का समावेश करने की बात रखी। जिस पर केन्द्रीय मंत्री श्री तोमर ने तुरंत मध्यप्रदेश के उद्यानिकी एवं खाद्य प्रसंस्करण मंत्री श्री भारतसिंह कुशवाह से चर्चा कर प्रस्ताव भेजने के निर्देश दिए। इस आशय का पत्र श्रीमती चिटनिस ने भी प्रदेश के उद्यानिकी एवं खाद्य प्रसंस्करण मंत्री श्री भारतसिंह कुशवाह को प्रेषित कर प्रस्ताव जल्द से जल्द भेजने का आग्रह किया। क्लस्टर बनाना एक्सपोर्ट झोन बनने से क्षेत्र के किसानों को केला निर्यात के माध्यम से आर्थिक रूप से मजबूती प्रदान की जा सके।
विगत दिनों दिल्ली प्रवास के दौरान श्रीमती चिटनिस ने केन्द्रीय कृषि मंत्री श्री नरेन्द्रसिंह तोमर जी से मुलाकात कर क्षेत्र के अनेक विषयों पर विस्तारपूर्वक चर्चा की। श्रीमती चिटनिस ने बताया कि महाराष्ट्र, मध्यप्रदेश, गुजरात, आन्ध्रप्रदेश और तमीलनाडू राज्य केला उत्पादन क्षेत्र मे देश के अग्रणी राज्य है। महाराष्ट्र, मध्यप्रदेश और गुजरात में निर्यात योग्य और अंतराष्ट्रीय स्तर पर मान्यता प्राप्त प्रजाति ’’ग्रॅड नैन’’ का उत्पादन बहुतायत में किया जाता है। मध्यप्रदेश राज्य इस प्रजाति के उत्पादन में देश में तिसरे स्थान पर आता है। इस प्रजाति के गुणधर्म अच्छे होने के कारण विगत दस वर्षो मे सभी देशो मे केले की इस प्रजाति की मांग बहुत बढ़ गई है। इसलिए पूरे विश्व में इसका निर्यात किया जाता है। उन्होंने कहा कि हमारे मध्यप्रदेश के किसान भी निर्यात योग्य उत्पादन कर रहे है। मध्यप्रदेश के बुरहानपुर, खंडवा, खरगोन और बड़वानी जिले से भी केले का निर्यात हो रहा है। परंतु निर्यात सुविधा ना होने के कारण किसानों को केला निर्यात करने में बहुत कठिनाईया हो रही है। श्रीमती चिटनिस ने कहा कि केले का निर्यात (एक्सपोर्ट) बढ़ाने हेतु भारत सरकार ने अपेडा के माध्यम से कुछ प्रयास प्रारंभ किए है। इस योजना में किसानों को निर्यात के सारे काम करने के लिए 50 प्रतिशत सब्सीडी मिलती है। ऐग्री एक्सपोर्ट पॉलीसी के साथ ही अपने देश में केला एक्सपोर्ट क्लस्टर (क्लस्टर बनाना एक्सपोर्ट झोन) का गठन भी किया गया है, जिसमें महाराष्ट्र राज्य के जलगांव, सोलापुर एवं कोल्हापुर जिला, गुजरात राज्य के सूरत, नर्मदा एवं भरूच जिला, आंध्रप्रदेश राज्य के अनंतपुर, कर्नूल एवं कडप्पा जिला, तमीलनाडू राज्य थिरूचीरापल्ली, थेनी एवं पेरीयार जिला एवं केरल राज्य के त्रिस्सुर, वायनाड एवं तिरूवनंतपुरम जिले शामिल है। इस प्रकार केला एक्सपोर्ट क्लस्टर में देश के कुल 5 राज्यों के 15 जिलों का समावेश किया गया है। किंतु इसमें अपना मध्यप्रदेश राज्य शामिल नहीं है।
पूर्व मंत्री श्रीमती अर्चना चिटनिस ने अनुरोध किया है कि इस केला एक्सपोर्ट क्लस्टर में मध्यप्रदेश को जोड़ते हुए बुरहानपुर, खंडवा, खरगोन और बड़वानी जिले का समावेश करने का निर्णय किया जाए, जिससे की क्षेत्र के किसानो को केला निर्यात के माध्यम से आर्थिक रूप से मजबूती प्रदान की जा सके।

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