
बुरहानपुर – असीरगढ़ के किले के लिए पहचान रखने वाला ऐतिहासिक जिला बुरहानपुर अपने पर्यटन के साथ-साथ नवाचारों को अपनाने के लिए विख्यात है। जिला प्रशासन द्वारा कोरोना संकट में जिले को कोरोना से मुक्त करने एवं कोरोना के बढ़ते चरण को रोकने के लिए चरणबद्ध तरीकें से नवाचारों को जीवन शैली में पिरोया जा रहा हैं।
इन नवाचारों में होली के त्यौहार पर स्थानीय भाषा में ‘‘माझी होळी-माझा परिवार‘‘, ‘‘माझी होली-माझा कुटुम्ब‘‘, माझी होळी-माझा घरात‘‘ स्लोगन द्वारा जागरूकता, कोरोना काल में शादियों को रोकने एवं लोगों को कोरोना के संक्रमण के दुष्प्रभाव समझाने के लिए जागरूकता अभियान ‘‘कोरोना पर नकेल डालो, कुछ दिनों के लिए शादियाँ टालो‘‘, प्रेरक एवं संक्रमण से बचाव का उद्देश्य देती हुई शार्ट फिल्म ‘‘चंपा की शादी‘‘, ईद के त्यौहार पर ईद को अपने परिवार के साथ मनाने के लिए ‘‘अबकी ईद म-ईद‘‘ का संदेश। मास्क पहनने हेतु प्रेरित करने के लिए केले से बनी डमी के द्वारा संदेश। ग्रामीण समस्याओं का त्वरित निराकरण एवं कोविड जागरूकता के लिए प्रत्येक ग्राम पंचायतों में प्रति मंगलवार आयोजित टी एल बैठक जैसें नवाचारों को बुरहानपुर जिला संजोये हुए है।