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Thursday, May 22, 2025
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बिना अनुमति के आईपीडी ट्रामा सेंटर, नर्सिंग होम का संचालन करने वाले अभियुक्त तनवीर वारसी पांच दिन पुलिस अभिरक्षा में

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राजगढ। माननीय न्यायालय न्यायिक मजिस्ट्रेट प्रथम श्रेणी, राजगढ ने थाना राजगढ के अपराध क्रमांक 207/21 धारा 177,186,88,269,304(2),369,417,34,120बी,379 भादवि में अभियुक्त तनवीर वारसी को पुलिस रिमाण्ड पर भेजा है।

     अभियोजन कहानी इस प्रकार है कि सीएचएल(एमडी) अस्पताल एवं ट्रामा सेंटर के पार्टनर श्री विनोद शर्मा, श्री सोहिलुद्दील, श्री तनवीर वारसी द्वारा अवैध तरीके से एवं अनाधिकृत रूप से अस्पताल/नर्सिंग होम संचालित किया जा रहा था । 

      आवेदक द्वारा बताया गया कि उसकी पत्नी का प्रसव लापरवाही पूर्वक बिना ट्रैण्ड स्टॉफ द्वारा किया गया जिसके दौरान उसके बच्चे की मृत्यु हो गयी । उक्त अस्पताल में मरीजों का बिना किसी विशेषज्ञता तथा प्रशिक्षण के लापरवाही तथा उपेक्षापूर्ण तरीके से मरीजों का ईलाज कर मरीजों के जीवन से खिलवाड़ किया जा रहा था। उक्त अस्पताल मे ईलाज के दौरान एक महीने में 3 से 4 बच्चों की प्रसव के दौरान मृत्यु हुई है। 

       प्रकरण की विवेचना के दौरान यह पाया गया कि अस्पताल प्रबंधन द्वारा अनुज्ञापन अधिकारी को असत्य एवं भ्रामक जानकारी देकर नर्सिंग होम के संचालन की अनुमति प्राप्त करने का प्रयास किया गया। उक्त अस्पताल में बुनियादी सुविधाओं का अभाव रहते हुये समस्त सुविधाओं उपलब्ध करवाने संबंधी दस्तावेजों की कूटरचना करके फर्जी तरीके से अस्पताल संचालन किया जाना पाया गया है। 

      अभियुक्त तनवीर वारसी घटना दिनांक से ही फरार था जिसने अपने फरार रहने की अवधि के दौरान माननीय उच्च न्यायालय के समक्ष अग्रिम जमानत का आवेदन पत्र प्रस्तुत किया था जिसे न्यायालय द्वारा स्वीकार नहीं किया गया। 

      अभियुक्त तनवीर वारसी को राजगढ कोतवाली पुलिस द्वारा दिनांक 22.07.2021 को गिरफ्तार कर कोर्ट में पेश किया गया। फर्जी दस्तावेजों के संबंध में अभियुक्त से पूछताछ की गई और उक्त दस्तावेजों की जप्ती किये जाने हेतु पुलिस रिमाण्ड मांगा गया । न्यायालय ने प्रकरण के परीक्षण के दौरान यह पाया कि अभियुक्त पर अन्य सह-अभियुक्तगण के साथ मिलकर बिना अनुमति के आईपीडी ट्रामा सेंटर, नर्सिंग होम का संचालन करने एवं महिलाओं की डिलीवरी के दौरान चार से पांच शिशुओं की मृत्यु होने जैसे गंभीर आरोप हैं । जिसकी अग्रिम विवेचना हेतु अभियुक्त को पुलिस अभिरक्षा में सुपुर्द किया जाना आवश्यक है। उक्त आधार पर न्यायिक दण्डाधिकारी प्रथम श्रेणी राजगढ के द्वारा पुलिस रिमाण्ड स्वीकार कर अभियुक्त को पांच दिन की पुलिस अभिरक्षा में सुपुर्द किया है। इस प्रकरण में राज्य शासन की ओर से वरिष्ठ अभियोजन अधिकारी राजेश कुमार शाक्य ने पैरवी की।

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