
इन नेताओं ने की दावेदारी
शनिवार को राष्ट्रीय सचिव के सामने शहर जिलाध्यक्ष के लिए अकील औलिया, रफीक गुल मोहम्मद,सलीम काॅटनवाला,
रिंकू टाक, संतोष देवताले, विधायक सुरेंद्र सिंह के भतीते हर्षित ठाकुर, पूर्व विधायक हमीद काजी के पुत्र नूरुद्दीन काजी, राकेश खत्री और शैली कीर आदि ने दावेदारी पेश की है। महिलाओं में गौरी दिनेश शर्मा, प्रितीसिंह राठौर ने भी अपनी दावेदारी प्रस्तुत की
इसी तरह ग्रामीण जिलाध्यक्ष के लिए पूर्व विधायक रवींद्र महाजन, अशोक पाटिल, हेमंत पाटिल, नेपानगर से सोहन सैनी, पूर्व विधायक रघुनाथ चौधरी, यशवंत चौकसे, बलराम राठौर, राजू महाजन और कृष्णा आसखेडेकर आदि ने दावेदारी पेश की है। सभी यहां अपने समर्थकों के साथ पहुंचे थे।
समर्थकों ने की नारेबाजी
रेस्टहाउस में जिलाध्यक्ष पद के दावेदार और विधायक के भतीते हर्षित ठाकुर के समर्थकों ने जमकर नारेबाजी की। उन्होंने हमारा नेता कैसा हो हर्षित ठाकुर जैसा हो के नारे लगाए। इसके अलावा अन्य कुछ दावेदारों के समर्थकों ने भी नारे लगाए। इस बीच विधायक सुरेंद्र सिंह भी वहां पहुंचे और राष्ट्रीय सचिव से मुलाकात कर अपनी बात रखी। उन्होंने अकेले में क्या बात की यह तो नहीं सुना जा सका लेकिन माना जा रहा है कि उन्होंने हर्षित जैसे युवा चेहरे को मौका देने की वकालत की है।
अरुण यादव का पार्टी में अलग स्थान
रायशुमारी के दौरान पत्रकारों ने सीपी मित्तल से पूछा कि अरुण यादव समर्थक जिलाध्यक्षों को हटाने के पीछे कहीं खलघाट का प्रस्तावित आंदोलन तो कारण नहीं है। जिस पर उन्होंने कहा कि ऐसी कोई बात नहीं है। कई जगह दस-दस साल से जिलाध्यक्षों में बदलाव नहीं हुआ था। जिसके कारण पार्टी ने नए सिरे से बाडी गठन की प्रक्रिया शुरू की है। जहां तक अरुण यादव का सवाल है वे खुद प्रदेश अध्यक्ष और केंद्रीय मंत्री रहे हैं। उनका पार्टी में अपना अलग स्थान है। निमाड़ क्षेत्र में पार्टी को खड़ा रखने में उनकी अहम भूमिका रही है।




