
बुरहानपुर-महाराष्ट्र की सीमा से सटे लोनी गांव में महाराष्ट्र से आने वाले लोगों की नियमित जांच की जा रही है। कोरोना संक्रमण बढ़ने पर पुलिस सख्ती करते हुए आरटीपीसीआर रिपोर्ट के बिना किसी को भी प्रवेश नहीं दे रही है। इस कारण लोग विरोध कर रहे है।
जिले में महाराष्ट्र बॉर्डर को सील करते हुए प्रवेश के लिए आरटीपीसीआर रिपोर्ट अनिवार्य कर दी। शुक्रवार को प्रदेश मंे कोरोना की नई गाइड लाइन जारी होने के बाद सख्ती ओर ज्यादा बढ़ा दी है। शनिवार सुबह पुलिस बल ने लोनी बॉर्डर पर बिना आरटीपीसीआर रिपोर्ट के हर व्यक्ति के प्रवेश पर रोक लगा दी। सुबह 10 बजे बॉर्डर पर लोगांे की भीड़ जमा हो गई। किसी को शादी में जाना था, तो कोई अंतिम यात्रा मंे शामिल होने जा रहा था। कई किसान और कुछ पालक स्कूल से बच्चों को घर ले जाने जा रहे थे। इस बीच राज्य परिवहन निगम की बस को बिना जांच के जाने दिया, इस पर लोग भड़क गए और पुलिस से बहस करने लगे। लोगों ने कहा नियम सब के लिए समान होने चाहिए। विराेध कर लोगों ने आवागमन रोक दिया। िवराेध बढ़ने पर लालबाग थाना प्रभारी एपीसिंह पुलिस बल के साथ पहुंचे और सख्ती करते हुए लोगों को वापस खदेड़ा।
बॉर्डर पर बसों और लोडिंग वाहनों की जांच नहीं हो रही है। जिस वजह से यहां सुबह विवाद जैसे हालत बन गए थे। काफी देर तक गहमागहमी का माहौल रहा। लोगों का कहना था कि जांच करना है तो सभी की करो, नहीं तो हम भी बस में बैठकर जाएंगे। हर बाइकर्स और कार चालकों को रोका जा रहा है। अगर कोई परेशानी बता दे तो छोड़ भी दिया जाता है। दिनभर में 400-500 आरटीपीसीआर जांच ही हो रही है। जबकि 1000 से अधिक लोग आते जाते हैं। इस तरह आधी अधूरी जांच कर चेकिंग की सिर्फ औपचारिकता की जा रही है।
