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Friday, Feb 14, 2025
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बुरहानपुर जिले में धार्मिक प्रतिष्ठानों/पूजा स्थलों के संचालन के संबंध में प्राप्त निर्देशों के परिपालन में अपर कलेक्टर ने आपदा प्रबंधन अधिनियम के अन्तर्गत आदेश किये जारी,

बुरहानपुर- कोरोना वायरस संक्रमण के रोकथाम एवं बचाव हेतु मध्य प्रदेश शासन गृह विभाग भोपाल से प्राप्त निर्देशों के परिपालन में अपर कलेक्टर श्री शैलेन्द्र सिंह सोलंकी ने आपदा प्रबंधन अधिनियम 2005 एवं दण्ड प्रक्रिया संहिता 1973 की धारा 144 में निहित शक्तियों का प्रयोग करते हुए बुरहानपुर जिले की संपूर्ण सीमा क्षेत्र के लिए धार्मिक प्रतिष्ठानों एवं पूजा स्थलों की गतिविधियों के संचालन के संबंध में आदेश जारी किया है।
जारी आदेशानुसार:-
बुरहानुपर जिले में धार्मिक प्रतिष्ठानों/पूजा स्थल निम्नानुसार शर्तो के अधीन खुलेंगेः-
कंटेनमेंट एरिया के अंतर्गत आने वाले समस्त धार्मिक प्रतिष्ठानों/पूजा स्थल बंद रहेंगे, सिर्फ कंटेनमेंट एरिया के बाहर के स्थलों पर प्रवेश की अनुमति होंगी।  
65 वर्ष से अधिक आयु के व्यक्तियों, गर्भवती महिलाओं, 10 वर्ष से कम आयु के बच्चों एवं बीमारियों-कोमॉर्बिड कंडीशन्स से ग्रस्त व्यक्तियों को आना प्रतिबंधित रहेगा।  
धार्मिक प्रतिष्ठानों/पूजा स्थलों पर कार्यरत व्यक्तियों तथा आंगतुकों द्वारा अनिवार्यतः हर समय निम्न सावधानियों का पालन किया जाये-
सार्वजनिक स्थानों पर जहां तक संभव हो, आपस में 6 फीट की दूरी रखना होगी।
चेहरे को मास्क/फेसकवर से ढांकना अनिवार्य रूप से सुनिश्चित करना होगा।
देखने में गंदे न होने पर भी साबुन एवं पानी से बार-बार 40-60 सेंकड तक हाथ धोए जाये अल्कोहल युक्त सेनेटाईजर से (कम से कम 20 सेकन्ड तक) हाथों को सेनेटाईज करने की सुविधा, जहा उपयुक्त हो, उपलब्ध रखना होगा।
श्वसन एटीकेट्स का कडाई से पालन करना, छींकते-खांसते समय मुंह को/रूमाल टिश्यू पेपर/कोहनी से ढांके, उपयोग किये गये टिश्यू पेपर का ठीक से निस्तारण सुनिश्चित करना होगा।
स्वयं के स्वास्थ्य की निगरानी करना, बीमारी के लक्षण होने पर तत्काल जिले की हेल्पलाईन पर संपर्क करना होगा। थूकना सर्वथा वर्जित हैं।
समस्त धार्मिक प्रतिष्ठान को सुनिश्चित करना होगा-
प्रवेश द्वार पर हैण्ड हायजीन के लिये सेनेटाइजर डिस्पेन्सर एवं थर्मल स्क्रीनिंग अनिवार्य रूप से उपलब्ध रखना होगा।
लक्षण रहित व्यक्तियों (सर्दी, खांसी, बुखार आदि न होने पर) को ही परिसर में प्रवेश की अनुमति रहेगी।
मास्क/फेस कवर पहनने पर ही प्रवेश की अनुमति होगी।
कोविड-19 संक्रमण से बचाव संबंधी प्रसार सामग्री का प्रदर्शन प्रमुखता से
करना होगा। ऑडियो एवं वीडियों क्लिप द्वारा बचाव संबंधी सावधानियों का
प्रसारण बार-बार सुनिश्चित करेगें।
जूते/चप्पल स्वयं के वाहन में खोल कर आना होगा। आवश्यक होने पर जूते/चप्पल प्रत्येक व्यक्ति/परिवार के लिए निर्दिष्ट पृथक स्थान पर स्वयं दवारा ही रखना होगा।
परिसर के बाहर एवं पार्किंग एरिया में सोशल डिस्टेंसिंग का पालन सुनिश्चित
करवाना धार्मिक प्रतिष्ठान संचालकों के लिये अनिवार्य होगा।
परिसर के अंदर अथवा बाहर संचालित दुकान/स्टॉल/कैफेटेरिया में सोशल डिस्टेंसिंग का पालन सुनिश्चित करना होगा।
सोशल डिस्टेंसिंग सुनिश्चित करने के लिये कतार की लाईन में गोले के निशान बनवाना होगा।
संभव होने पर प्रवेश एवं निकास द्वार पृथक रखना होगा।
प्रवेश के लिये कतार में कम से कम 6 फीट की दूरी सुनिश्चित करना अनिवार्य होगा।
परिसर में प्रवेश के पूर्व आगन्तुकों द्वारा साबुन एवं पानी से हाथ एवं पैर का धोना सुनिश्चित करना अनिवार्य होगा।
बैठने की व्यवस्था इस तरह करें जिससे सोशल डिस्टेंसिंग नॉर्मस का पालन
हो।
वातानुकल/एसी के लिए सी.पी.डब्लूडी. दवारा जारी किये गये दिशा निर्देशों का पालन करना होगा, एसी का तापमान 24-30 डिग्री सेल्सियस रखना होगा, रिलेटिव हयूमिडिटी 40-70 प्रतिशत रखना, ताजी हवा का आवागमन एवं क्रॉस वेंटीलेशन पर्याप्त होना सुनिश्चित करना होगा। परिसर की सफाई व्यवस्था रखना, टॉयलेट/बाथरूम एवं हाथ पैर थोने के स्थान पर सफाई रखना होगा।
धातु से बनी वस्तुएं जैसे-रेलिंग, नल, दरवाजें के हेंडल आदि का बार-बार
विसंक्रमण सुनिश्चित करना होगा।
धार्मिक प्रतिष्ठान द्वारा परिसर की बार-बार सफाई एवं विसंक्रमण सुनिश्चित करना होगा, 1 प्रतिशत सोडियम होईपोक्लोराईट सोल्यूशन का उपयोग विसंक्रमण के लिए करना होगा।
परिसर में भूमि की सफाई विशेष रूप से बार बार-कराना होगी।
कर्मचारियों एवं आगन्तुकों द्वारा छोडे़ गये मास्क/फेस कवर/ग्लब्स का समुचित निपटान सुनिश्चित करना होगा।
रेलिंग का स्पर्श करने से बचने कीे व्यवस्था करना होगी।
अधिक भीड़/बडी संख्या मे लोगों का एकत्रित होने की अनुमति नहीं होगी।
कोविड-19 संक्रमण के परिप्रेक्ष्य में प्रि-रिकार्डेड भजन/गीत बजाए जाये। कॉयर/सिंगिंग/गुरूवाणी गाने की अनुमति नहीं दी जायें। घर से वजू करके आयें।
प्रार्थना के लिए जाजम न बिछाई जाये। श्रद्धालु अपनी मेट/कपड़ा स्वयं लाये तथा प्रार्थना के बाद वापस ले जायें।
अभिवादन के लिये एक दूसरे को स्पर्श करना प्रतिबंधित रहेगा।
धार्मिक प्रतिष्ठानों में सामुदायिक रसोई/लंगर/अन्नदान में सोशल डिस्टेसिंग
सहित निर्देशों का पालन करना होगा।
परिसर में पुष्ट/संभावित संक्रमण से ग्रसित व्यक्ति पाये जाने पर –
व्यक्ति को पृथक कमरे/स्थान पर रखें, जहां अन्य लोगों की आवाजाही नहीं होगी।
तत्काल निकटस्थ अस्पताल/स्वास्थ्य केन्द्र पर संपर्क कर सूचना दे अथवा हेल्पलाइन पर सूचित करना होगा।
संबंधित पब्लिक हेल्थ अथॉरिटी द्वारा रिस्क असेसमेन्ट अनुसार प्रबंधक, कांटेक्ट ट्रेसिंग एवं विसंक्रमण संबंधी कार्यवाही सुनिश्चित करना होगी।
व्यक्ति के पॉजिटिव पाये जाने पर धार्मिक प्रतिष्ठान के परिसर का विसंक्रमण अनिवार्य रूप से सुनिश्चित करना होगा।
कोई भी व्यक्ति उक्त आदेश का उल्लघंन करते हुए पाया जाता है तो उस पर आपदा प्रबंधन अधिनियम 2005 की धारा 51 से 60 के प्रावधानों के तहत कानूनी कार्यवाही के साथ आईपीसी की धारा 188 और अन्य कानूनी प्रावधान लागू होते है, जिसके तहत कार्यवाही की जायेगी।

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