
दस दिनों तक चला गणपति उत्सव व अंत में गणपति विसर्जन निर्विघ्न सम्पन्न हो गया। कल सुबह से शुरू हुआ विसर्जन आज शाम तक जारी रहा। हज़ारों की संख्या में घरों में विराजित छोटी प्रतिमाओं के विसर्जन हेतु लोग परिवार के साथ राजघाट-सतियारा-नागझिरी घाट-हतनूर पुल पर पहुँचे जहाँ विसर्जन कल सुबह से शुरू होकर देर रात तक चला। वहीं पांडालों में विराजित बड़ी प्रतिमाएं आज सुबह से विसर्जित होना शुरू हुई। पुलिस-प्रशासन की सभी चौराहों व घाटों पर चाक-चौबंद व्यवस्थाओं के चलते विसर्जन शांति-पूर्ण ढंग से सम्पन्न हुआ। विसर्जन के दौरान राज्य शासन द्वारा जारी निर्देशों व कोविड गाइडलाइन के चलते डीजे साउंड,चल समारोह, जुलूस प्रतिबंधित किये गए थे। इसलिए सभी पंडालों ने शांति प्रिय तरीके से प्रतिमाओं का विसर्जन किया। शहरी क्षेत्र में 290 व देहात में 495 इस तरह कुल मिलाकर जिले में 785 बड़ी प्रतिमाएं विराजित थी। शहर में कोतवाली क्षेत्र में 48, शिकारपूरा में 88, लालबाग में 116 व गणपति नाका क्षेत्र में 38 बड़ी प्रतिमाएं विराजमान थी। सभी बड़ी प्रतिमाओं को पहले से तय ताप्ती नदी के हतनूर पुल से विसर्जित किया गया। गणपति पर्व को शांतिपूर्ण ढंग से सम्पन्न कराने हेतु पुलिस द्वारा स्थापना से लेकर विसर्जन तक की तैयारी की गई थी। जिसमें शहर वासियों व गणेश स्थापना समितियों का भी भरपूर सहयोग रहा। वरिष्ठ पुलिस अधिकारियों के मार्गदर्शन में सभी थाना प्रभारियों द्वारा अपने क्षेत्र की गणेश समितियों के साथ मीटिंग कर पूरे पर्व को निर्विघ्न सम्पन्न कराने की तैयारी की गई थी। विसर्जन हेतु पुलिस द्वारा रुट-मेप तैयार किया गया था।विसर्जन स्थलों पर होम-गार्ड की रेस्क्यू टीम तैनात की गई थी।पुलिस अधीक्षक श्री राहुल कुमार लोढ़ा व अतिरिक्त पुलिस अधीक्षक श्री अभिषेक दीवान के नेतृत्व व मार्गदर्शन में जिला पुलिस पूरे पर्व के दौरान मुस्तैद रही। पुलिस द्वारा विसर्जन व्यवस्था की निगरानी हेतु 100 अतिरिक्त CCTV कैमरे भी लगाए गए थे। सभी के साझा प्रयासों से जिले में गणपति उत्सव सफलता पूर्वक सम्पन्न हुआ।

