
जिला क्राईसिस मैनेजमेंट गु्रप की बैठक में सर्वसहमति से निर्णय लिये गये। इस संबंध में दण्ड प्रक्रिया संहिता 1973 की धारा 144 के तहत प्रतिबंधात्मक आदेश एवं निर्देशों का पालन करने, निर्धारित शर्तो पर अध्यक्ष मोती माता मंदिर ट्रस्ट ग्राम लोखंडिया को श्री मोती माता मंदिर में श्रृद्धालुओं एवं दर्शनार्थियों को दर्शन हेतु आने-जाने की अनुमति प्रदान की गई है।
बैठक में लिये गये निर्णय:-
मेला, जूलुस तथा झूला, फिल्म प्रदर्शन, सर्कस, रेस, दंगल, कब्बडी आदि मनोरंजन संबंधी कोई भी भीड़ एकत्रित करने वाली गतिविधियाँ पूर्णतः प्रतिबंधित रहेगी।
यह अनुमति दिनांक 17 जनवरी, 2022 से 21 जनवरी, 2022 तक प्रातः 8 बजे से शाम 6 बजे तक ही रहेगी तथा इस दौरान मंदिर के गर्भ गृह में एक समय में एक ही व्यक्ति भीतर जा सकेगा तथा एक दिवस में अधिकतम 250 व्यक्ति ही दर्शन कर सकेंगे।
ट्रस्ट को क्राउड कन्ट्रोल मैनेजमेंट सुनिश्चित करना अनिवार्य होगा।
ट्रस्ट को जिला कलेक्टेªट कार्यालय द्वारा धारा 144 के अंतर्गत जारी आदेशों तथा शासन से समय-समय पर प्राप्त समस्त निर्देशों का पालन करना अनिवार्य होगा।
शासन द्वारा जारी समस्त निर्देशों, कोविड प्रोटोकॉल (सोशल डिस्टेंसिंग, मास्क का उपयोग, सेनेटाईजर, साफ-सफाई) एवं उचित रख-रखाव अनिवार्य होगा।
डीजे/म्यूजिक सिस्टम बजाने पर पूर्णतः प्रतिबंध रहेगा।
इस दौरान यातायात नियमों, माननीय सर्वोच्च न्यायालय द्वारा जारी नियम, शर्तो व आदेशों का पालन किया जाना सुनिश्चित करें।
धर्म/संपदा/राजनैतिक दलों के संबंध कोई टिप्पणी नहीं करेंगे।
आयोजक नियमों का पालन करने की जवाबदारी के संबंध में शपथ पत्र प्रस्तुत करें।
किसी भी न्यायायीन/शासकीय आदेशों/सर्कुलर/नियम का उल्लघंन नहीं किया जायें।
इस दौरान सुरक्षा व्यवस्था के लिए वॉलेंटियर्स नियुक्त किया जावे। वॉलेंटियर्स की सूची जिला कार्यालय तथा संबंधित थाने में जमा की जायें। आयोजक कम से कम 5 व्यक्तियों के आधार कार्ड कार्यालय तथा संबंधित थाने में जमा करायें।
दर्शन हेतु आने-जाने वाले नागरिकों को कोविड-19 की दोनों डोज लेना अनिवार्य होगा अथवा आरटी-पीसीआर की नेगेटिव रिपोर्ट प्रस्तुत करना होगी।
दर्शन हेतु 15 वर्ष से कम तथा 60 वर्ष से अधिक आयु के व्यक्ति मंदिर परिसर में आना पूर्णतः प्रतिबंधित रहेगा।
मंदिर परिसर के बाहर बाजार, दुकानें आदि लगाना पूर्णतः प्रतिबंधित रहेगा।
कोविड-19़ की गाईडलाईन व दिशा-निर्देशों का पालन ना होने पर आपदा प्रबंधन अधिनियम, 2005 के प्रावधानों के तहत वैधानिक कार्यवाही की जायेगी।
