बुरहानपुर। भारतीय जनता पार्टी द्वारा भारतीय जनसंघ के संस्थापक, महान राष्ट्रवादी विचारक परम श्रद्धेय डॉ. श्यामा प्रसाद मुखर्जी की पुण्यतिथि बलिदान दिवस के रूप में मनाई गई। डॉ. श्यामाप्रसाद मुखर्जी जिला नेत्र चिकित्सालय स्थित प्रतिमा पर माल्यार्पण कर नमन किया।
इस दौरान भाजपा जिलाध्यक्ष मनोज लधवे ने कहा डॉ. मुखर्जी जम्मू कश्मीर राज्य को एक अलग दर्जा दिए जाने के घोर विरोधी थे और चाहते थे की जम्मू कश्मीर को भी भारत के अन्य राज्यों की तरह माना जाये। वो जम्मू कश्मीर के अलग झंडे, अलग निशान और अलग संविधान के विरोधी थे। उनको ये बात भी नागवार लगती थी कि वहाँ का मुख्यमन्त्री (वजीरे-आज़म) अर्थात् प्रधानमन्त्री कहलाता था। उन्होंने देश की संसद में अनुच्छेद-370 को समाप्त करने की जोरदार वकालत की। श्री लधवे ने कहा अगस्त 1952 में उन्होंने बिना परमिट लिए जम्मू कश्मीर में प्रवेश का एलान किया और इसे पूरा करने के लिये वे 1953 में बिना परमिट के जम्मू कश्मीर की यात्रा पर निकल पड़े। वहाँ पहुँचते ही उन्हें गिरफ्तार कर लिया गया और 23 जून 1953 को रहस्यमय परिस्थितियों में उनकी मृत्यु हो गयी।
श्री लधवे ने कहा राष्ट्रीय एकता एवं अखण्डता के पर्याय डॉ. मुखर्जी जम्मू कश्मीर से धारा 370 हटाने के संकल्प के सूत्रधार थे। अपने ओजस्वी और राष्ट्रवादी विचारों के साथ अखण्ड भारत के लिए उन्होंने अपना सर्वस्व समर्पित कर दिया। पार्टी के प्रत्येक कार्यकर्ता को उनके जीवन से सीख लेकर उनके बताए हुए मार्ग पर चलने का प्रयास करना चाहिए।
कार्यक्रम में पूर्व मंत्री अर्चना चिटनीस, प्रदेश कार्यकारिणी सदस्य ज्ञानेश्वर पाटिल, पूर्व विधायक मंजू दादू, पूर्व महापौर अतुल पटेल, अनिलभाऊ भोसले, मनोज तारवाला, युवा नेता हर्षवर्धनसिंह चौहान, दिलीप श्रॉफ,उमा कपूर, प्रगति ताई सिरपुरकर, जगदीश कपूर, विनोद पाटिल, चिंतामन महाजन सहित भाजपा कार्यकर्ता मौजूद रहे।
Related posts
Click to comment