चतुर्थ अपर सत्र न्यायाधीश श्री पदमेश शाह द्वारा ऊन महालक्ष्मी मंदिर में लूट करने वाले चार आरोपियों को 07-07 वर्ष के सश्रम कारावास से दण्डित किया गया। प्रकरण चिन्हित जघन्य एवं सनसनीखेज श्रेणी के अपराध में सम्मिलित था। प्रकरण में अभियोजन की ओर से पैरवी उप संचालक अभियोजन खरगोन श्री जे.एस. मुवेल द्वारा करते हुए साक्षीगण का साक्ष्य न्यायालय में लेखबद्ध कराकर आरोपीगण को दण्डित करवाया गया।
जिला अभियोजन कार्यालय खरगोन के मीडिया प्रभारी एडीपीओ अमरेन्द्र कुमार तिवारी ने बताया कि ऊन महालक्ष्मी मंदिर में घटना दिनांक 26.08.2016 की रात्री के समय बाबू चौकीदारी कर रहा था जब वह पेशाब करने के लिए उठा तभी आरोपीगण साबिर पिता सत्तार निवासी सेगांव, अली मुर्तजा पिता मोहम्मद अय्यूब खत्री निवासी ओझर, इकबाल पिता सलीम व विजय उर्फ कालू पिता नरेन्द्र दोनों निवासी ओझर नवलपुरा के आये और उसे कट्टा अडाया व छूरा अड़ाकर मंदिर के अंदर घुस गये और मूर्तियों पर चढे जेवर निकाल लिये। चौकीदार बाबू द्वारा उक्त घटना की सूचना मंदिर के पुजारी नरेन्द्र को दी थी। पुजारी ने मंदिर में आकर सामान देखा तो मंदिर में स्थापित मुर्ति पर धारण एक चॉदी का हार, एक सोने की नथ, एक सोने का मंगलसूत्र एवं एक चॉदी का छोटा मुकुट व सोना-चॉदी के जेवर आरोपीगण द्वारा लूटकर ले जाना पाया। फरियादी पुजारी नरेन्द्र की रिपोर्ट पर आरोपीगण के विरूद्ध थाना ऊन पर अपराध पंजीबद्ध किया गया था और अनुसंधान के दौरान आरोपीगणों से लूटे हुए आभूषणों को जप्त कर महत्वपूर्ण साक्ष्य संकलित कर आरोपीगणों के विरूद्ध अभियोग पत्र न्यायालय खरगोन में प्रस्तुत किया गया था। शासन द्वारा उक्त घटना की गंभीरता को दृष्टिगत रखते हुये प्रकरण को चिन्हित जघन्य एवं सनसनीखेज चिन्हित श्रेणी के अपराध में सम्मिलित किया गया था। प्रकरण में चतुर्थ अपर सत्र न्यायाधीश श्री पदमेश शाह द्वारा आरोपीगण साबिर, इकबाल, अली मुर्तजा एवं विजय उर्फ कालू को दोषी पाते हुए धारा 397 भादवि में 07-07 वर्ष के सश्रम कारावास, धारा 457 भादवि में 05-05 वर्ष के सश्रम कारावास व कुल 4000 रूपये जुर्माने से दण्डित किया एवं आरोपी विजय उर्फ कालू को आर्म्स एक्ट में भी एक वर्ष के सश्रम कारावास व 500 रू. के अर्थदण्ड से दण्डित किया ।
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