शैक्षणिकमाॅ के साथ मारपीट करने वाले बेटे को 6 माह का सश्रम कारावास। by Public Look 24 TeamSeptember 29, 2021September 29, 20210408 मनासा। श्री मनीष पाण्डेय, न्यायिक दण्डाधिकारी प्रथम श्रेणी, मनासा द्वारा माॅ के साथ मारपीट करने वाले आरोपी बेटे शंभुलाल पिता मोहनलाल , उम्र-26 वर्ष, ग्राम-जालीनेर, तहसील मनासा, जिला नीमच को धारा 324 भारतीय दण्ड संहिता, 1860 के अंतर्गत 6 माह के सश्रम कारावास व 300रू. जुर्माने से दण्डित किया।श्री अरविंद सिंह, एडीपीओ द्वारा घटना की जानकारी देते हुए बताया कि घटना लगभग 12 वर्ष पुरानी होकर दिनांक 08.11.2009 को सुबह 08 बजे ग्राम जालीनेर, तहसील मनासा की हैं। फरियादी समदीबाई घटना दिनांक को उसके खेत के कुऐ पर लकडी बिनकर अपने घर आ रही तो रास्ते में उसका लडका शंभूलाल हाथ में चाकू लेकर व उसकी बहू सुमित्राबाई दराता लेकर आये और फरियादिया से यह बोलकर विवाद करने लगे कि कुआ हमारा हैं तू यहा पर क्यो आई, ऐसा बोलकर शंभूलाल ने चाकू से तथा सुमित्राबाई नें दराते से मारपीट की जिस कारण उसके उल्टे हाथ में खून निकलने लगा। फरियादिया की चिल्लाने की आवाज सुनकर उसकी पुत्री गंगाबाई ने आकर बीच बचाव किया, फिर दोनों आरोपीगण वहां से चले गये। फरियादीया ने घटना की रिपोर्ट पुलिस थाना मनासा पर की, जिस पर से अपराध क्रमांक 352/2009, धारा 324/34 भादवि के अंतर्गत पंजीबद्ध किया गया। पुलिस मनासा द्वारा आहत फरियादीया का मेडिकल कराकर शेष विवेचना उपरांत चालान मनासा न्यायालय में प्रस्तुत किया गया। आरोपी शंभूलाल के फरार हो जाने से आरोपीया सुमित्राबाई के विरूद्ध न्यायालय में विचारण चला एवं दिनांक 30.10.2019 को माननीय न्यायालय द्वारा आरोपिया को 6 माह के सश्रम कारावास एवं 300रू जुर्माने से दण्डित किया गया था। आरोपी शंभुलाल के गिरफ्तार होने पर उसके साथ विचारण चला।श्री अरविंद सिंह, एडीपीओ द्वारा न्यायालय में विचारण के दौरान फरियादी व चश्मदीद सहित सभी आवश्यक गवाहों के बयान न्यायालय में कराकर अपराध को प्रमाणित कराया गया। श्री मनीष पाण्डेय, न्यायिक दण्डाधिकारी प्रथम श्रेणी, मनासा द्वारा आरोपी शंभूलाल पिता मोहनलाल चमार, उम्र-26 वर्ष, ग्राम-जालीनेर, तहसील मनासा, जिला नीमच को धारा 324 भारतीय दण्ड संहिता, 1860 के अंतर्गत 6 माह के सश्रम कारावास व 300रू. जुर्माने से दण्डित किया, साथ ही आहत समदीबाई को 300रू प्रतिकर प्रदान करने का आदेश भी पारित किया। न्यायालय में शासन की ओर से पैरवी *श्री अरविंद सिंह, एडीपीओ* द्वारा की गई।