बुरहानपुर। प्रदेश के मुख्यमंत्री श्री शिवराजसिंह चौहान को पूर्व कैबिनेट मंत्री श्रीमती अर्चना चिटनिस (दीदी) ने पत्र प्रेषित कर खरगोन जिले की भीकनगांव विधानसभा क्षेत्र अंतर्गत प्रस्तावित झिरन्या उद्वहन सिंचाई परियोजना को प्रशासनिक स्वीकृति प्रदान किए जाने की मांग रखी। इस संबंध में भीकनगांव एवं पंधाना विधानसभा क्षेत्र के पार्टी पदाधिकारियों, कार्यकर्ताओं सहित किसानों-ग्रामीणों सहित प्रतिनिधि मंडलों ने पूर्व मंत्री श्रीमती अर्चना चिटनिस से मुलाकात की थी।
श्रीमती अर्चना चिटनिस ने प्रेषित पत्र में कहा कि खरगोन जिले की भीकनगांव विधानसभा की झिरन्या तहसील के अधिकांश गांव व इसकी सीमा से लगे खंडवा जिले की पंधाना व छैगांवमाखन तहसील के कई गांवों में सिंचाई एवं पेयजल सुविधा की जरूरत है। क्यांेकि इनके आसपास न कोई बड़ी नदी है और न ही इन्हें किसी बड़ी सिंचाई परियोजना से जोड़ा गया है। यहां का जलस्तर भी 1000-1200 फिट से नीचे जा चुका है जिसने किसानों की समस्याओं को और गहरा दिया है। इस क्षेत्र में दो बड़ी परियोजनाएं, भीकनगांव बिंजलवाड़ा उद्वहन सिंचाई योजना एवं छैगांवमाखन उद्वहन सिंचाई परियोजना स्वीकृत होकर कार्य शुरू हो चुका है। भीकनगांव बिंजलवाड़ा परियोजना में झिरन्या तहसील के 25 गांव सम्मिलित है, जबकि इस तहसील में 135 से अधिक गांव है, छैगांवमाखन सिंचाई परियोजना में भी इससे लगे पंधाना व खंडवा तहसील के अनेक गांव शामिल नहीं है। उपरोक्त स्थिति को ध्यान में रखते हुए नर्मदा घाटी विकास प्राधिकरण द्वारा ’झिरन्या उद्वहन सिंचाई योजना’ की डीपीआर तैयार की गई है, जिसमें झिरन्या तहसील के 49 गांव, खंडवा तहसील के 4 गांव व पंधाना तहसील के 25 गांव, इस प्रकार कुल 78 गांवों की 35200 हेक्टेयर कृषि भूमि लाभान्वित होगी।
पूर्व मंत्री श्रीमती अर्चना चिटनिस ने बताया कि यह विदित है कि नर्मदा यूटिलाइजेशन एक्ट अनुसार 2024 तक हमारे मध्यप्रदेश को आवंटित 18.25 एमएएफ (22511 एमसीएम) नर्मदा जल का पूर्ण उपयोग 2024 तक किया जाना है। अन्यथा शेष जल अन्य राज्यों गुजरात और महाराष्ट्र को आवंटित हो जाएगा। ज्ञात हो कि हमारे खंडवा लोकसभा क्षेत्र में स्थित इंदिरा सागर बांध (आईएसपी) बनाने में हरसूद शहर सहित 249 गाँव की 44345 हेक्टेयर भूमि डूब में गई और 30739 परिवार विस्थापित होकर बहुत बड़ा बलिदान दिया हैं। नर्मदा नदी का मध्यप्रदेश से निकली है और हमारी जीवन दायनी है। इसका उपयोग कर अपने प्रदेश के मालवा और निमाड़ क्षेत्र के सभी जिलों को पेयजल और सिंचाई उपलब्ध करवा सकते है।
श्रीमती चिटनिस ने अनुरोध किया कि झिरन्या उद्वहन सिंचाई परियोजना को प्रशासकीय स्वीकृति प्रदान करवाने हेतु संबंधित अधिकारियों को निर्देशित करने का कष्ट करें, जिससे क्षेत्र की जनता को इसका लाभ मिल सकें।”
परियोजना से संबंधित महत्वपूर्ण बिन्दु
परियोजना का नाम- झिरन्या माइक्रो सिंचाई लिफ्ट परियोजना। प्रस्तावित सिंचित भूमि 35200 हेक्टेयर, लाभान्वित होने वाले गाँवों की संख्या 78, (झिरन्या-49, पंधाना-25, खंडवा-4), जल सिंचाई हेतु उद्यान 138.10 एमसीएम, परियोजना की लागत और फायदे का अनुपात बीसी रेटिव 1.91, परियोजना की अनुमानित लागत 1048.37 करोड़ रुपए। सिंचाई हेतु डिस्चार्ज जल 12.32 क्यूमेक, लिफ्टिंग पॉइंट दौड़वा के पास मुख्य नहर से, पाईप लाइन की लंबाई 48.85 किलोमीटर एवं पॉवर स्टेशन की संख्या 4 होगी।