
समारोह को संबोधित करते हुए ब्रजेश कुमार ने कहा कि कई बार में अर्वाचीन विद्यालय के बाहर से गया किन्तु मैंने यह सोचा भी नहीं कि यह विद्यालय इस तरह से अनुशासित, शैक्षणिक, कलात्मक शिक्षा दे रहा है। उन्होंने कहा कि स्वामी विवेकानंद जी की शिक्षाओं को हम अपने जीवन में उतार लें तो कोई ताकत नहीं है जो आप को, आपके जीवन को तरक्की से रोके।
कार्यक्रम को संबोधित करते हुए अमिताभ सिंह ने कहा कि आज इस कार्यक्रम ने मेरी पुनःअपने छात्र जीवन की स्मृतियों को जीवंत कर दिया। उन्होंने कहा कि अनुशासन का पाठ यदि हम अपने छात्र जीवन से ही अपना ले तो जीवन कभी भी दिशा हीन, लक्ष्य हीन नहीं हो सकता।
डायरेक्टर अमित मिश्रा ने कहा कि विद्यालय प.दीनदयाल उपाध्याय जी के एकात्म मानववाद के सिद्धांत पर प्रत्येक छात्र का सर्वांगीण विकास हो ऐसा काम करता है। निर्देशिका श्रीमती राखी मिश्रा ने कहा कि छात्र-छज्ञत्राओं को स्वामी विवेकानंद जी के जीवन से प्रेरणा लेनी चाहिए। स्वामी विवेकानंद जी के जीवन, कार्यों एवं विचारों पर संक्षिप्त प्रकाश डालते हुए कहा कि स्वामी विवेकानंद जी एक ऐसे ओजस्वी, उदात्त एवं प्रेरणादायी पुरुष थे, जिनके बहुमुखी व्यक्तित्व का एक प्रमुख पहलू यह था कि उन्होंने सर्वाेच्च सत्य का ज्ञान प्राप्त किया था। इस धरती पर सैकड़ों वर्षाे बाद ही स्वामी विवेकानंद जैसे महापुरुष अवतीर्ण होते हैं। स्वामी विवेकानंद का आगमन संपूर्ण मानव जाति के लिए हुआ था।
शैक्षणिक विभाग से दीप्ति पोडियन, साईनाथ अय्यर, सुमित पाटिल, अजय महाजन, शुशोभन मन्ना, देबोदत्ता, विजय जैन, जि़या सहर, प्रशासनिक अधिकारी विशाल गोजरे, अपर्णा नगर, अनुप मालवीय, संदीप पाटिल, नंदलाल पाटिल, सचिन जैन एवं विद्यालय परिवार के सभी साथियों इस अवसर पर नव गठित छात्र-संघ को शुभकामनाएं प्रेषित की।
