
एडीपीओ हरिकृष्ण त्रिपाठी ने बताया कि शिकायतकर्ता श्री जय सिंह पिता वैद्यनाथ सिंह उम्र 42 वर्ष निवासी ग्राम लौलाछ तह0 कोटर जिला सतना द्वारा दिनांक 31/12/2015 को इस आशय से शिकायत दर्ज कराई कि उसने अपने गांव में जुलाई के महीने में .146 हेक्टेयर जमीन खरीदा था जिसके दस्तावेज शिकायतकर्ता द्वारा आरोपी अखण्ड प्रताप सिंह हल्का पटवारी लौलाछ को माह अगस्त 2015 में नामांतरण कराने एवं ऋण पुस्तिका बनाकर देने हेतु दिया था इसके बाद शिकायत कर्ता द्वारा आरोपी पटवारी से कई बार मिला गया तो पटवारी द्वारा कहा गया कि नामांतरण करा दिया है लेकिन ऋण पुस्तिका बनाकर मैं तब दूंगा जब तुम मुझे 3500 रू0 रिश्वत दोगे जिसमें से 1500 रू0 पटवारी द्वारा शिकायत कर्ता से ले लिया गया और दो हजार रू0 रिश्वत की और मांग कर रहा था शिकायत कर्ता जय सिंह द्वारा आरोपी पटवारी को उस समय दो हजार रू0 रिश्वत की राशि नहीं दी गई बल्कि रिश्वत की राशि दो हजार रू0 लेते हुए आरोपी पटवारी को पकडवाने के आशय से एक लिखित शिकायत पत्र पुलिस अधीक्षक विशेष पुलिस स्थापना लोकायुक्तं कार्या0 रीवा संभाग रीवा को दी गई । पुलिस अधीक्षक द्वारा अपने अधीन पदस्थ निरीक्षक अशोक पाण्डेय से शिकायत का सत्यापन कराया गया । आरोपी पटवारी द्वारा शिकायतकर्ता से रिश्वत की अवैध मांग करने की पुष्टि होने पर आरोपी पटवारी के विरूद्व भ्रष्टााचार निवारण अधिनियम की धारा धारा 07 के अन्तर्गत अपराध का पंजीयन किया गया एवं विधिवत ट्रैप कार्यवाही आयोजित की गई ट्रैप दल द्वारा दिनांक 07/01/2016 को आरोपी अखण्ड प्रताप सिंह को तहसील परिसर कोटर जिला सतना में दो हजार रू0 की रिश्वत लेते हुए रंगे हाथो पकडा गया आरोपी के कब्जे से रिश्वत में लिये गये 2 हजार रू0 जप्त किये गये । संपूर्ण विवेचना के उपरांत आरोपी अखण्ड प्रताप सिंह के विरूद्व भ्रष्टाचार निवारण अधिनियम की धारा 7 , धारा 13 (1)(डी) , 13(2) के तहत दण्डनीय अपराध करना प्रमाणित पाये जाने पर अभियोग पत्र तैयार किया जाकर माननीय न्यायालय के समक्ष विचारण हेतु प्रस्तुत किया गया ।
अभियोजन द्वारा प्रस्तुतत गवाहो और दस्ता्वेजी साक्ष्यो के आधार पर आरोपी अखण्डं प्रताप सिंह के विरूद्व न्या्यालय द्वारा मामला प्रमाणित पाते हुए भ्रष्टाचार निवारण अधिनियम की धारा 07 के अन्तर्गत तीन वर्ष का कारावास एवं 2000 रू0 का अर्थदण्ड तथा धारा 13 (1)(डी) , 13(2) में 04 वर्ष का कारावास एवं 2000 रू0 के अर्थदण्ड से दण्डित किया गया ।