दिनांक 13.01.22 को माननीय विशेष न्यायाधीश पाक्सो त्योथर के द्वारा दुष्कर्म के मामले में फैसला सुनाया है। जिसमें नाबालिग बालिका के साथ दुष्कर्म करने वाले आरोपी को sec 5/6शेष प्राकृतिक जीवन तक आजीवन कारावास की सजा सुनाई है। साथ ही 10000 रूपये का जुर्माना भी लगाया है।
अभियोजन का प्रकरण संक्षेप में इस प्रकार है कि दिनांक 06.10.21 को जब 3 वर्षीय बालिका अपने माता पिता के साथ सो रही थी।रात लगभग 10:30 बजे बच्ची की रोने की आवाज सुनकर मां की नीँद खुली तो देखा अभियुक्त बच्ची को गोद मे लिए था तब अभियुक्त ने बच्ची को माँ के पेट पर लिटा कर जाने लगा तब बच्ची की माँ को गीलापन महसुस हुआ देखा तो बच्ची के गुप्ता़ग से खून आ रहा था तब माँ ने अभियुक्त से पूछा क्या हुआ तो वह मौन रहा और चला गया।फिर बच्ची के माँ पिता ने बाहर आकर अभियुक्त से पुछा क्या किये बच्ची के साथ तो वह बोला गलती हो गयी और भाग गया।फिर माता पिता बच्ची को लेकर अस्पताल गये।और थाना जनेह मे सूचना दी जिसके बाद बच्ची 7 दिनो तक जिला अस्पताल रीवा मे भर्ती रही ।पुलिस द्वारा अभियुक्त को गिरफ्तार कर त्वरित विवेचना कर 21/10/2021 को अभियोग पत्र प्रस्तुत किया ।न्यायालय ने धारा 450 ,376कख भादवि. एवं 5/6 पॉक्सों अंतर्गत आरोप विरचित किया। अभियोजन द्वारा 21 साक्षियो और बचाव पक्ष द्वारा 3 साक्षी प्रस्तुत किये गये।
प्रकरण मे अभियोजन द्वारा प्रस्तुत साक्ष्यो एवँ तर्को से सहमत होकर न्यायालय द्वारा sec5/6 pocso life time sesh prakartik jeevan fine 10000sec 450 10 year 500 fine sec 366me 10year 500/fineआजीवन कारावास शेष प्राकृतिक जीवन तक व जुर्माने का दण्डादेश पारित किया गया है। इस प्रकरण में शासन की ओर से जिला अभियोजन अधिकारी रीवा के मार्गदर्शन मे पैरवी विशेष लोक अभियोजक पाक्सो श्री धीरज सिंह ने की है।
*अपराध को परिस्थितीजन्य साक्ष्यो के आधार पर प्रमाणित किया एवँ अभियुक्त द्वारा उन परिस्थितियो का उचित स्पषटीकरण धारा 106 साक्ष्य अधिनियम मे न दे पाने के तर्क पर सजा करायी*:-