
फरियादी सुरेश चंद्र जैन ने बताया कि मैं स्टांप विक्रेता का काम करता हूं व दक्षिण मिलोनीगंज में रहता हूं मेरे प्लाट p138 शिव नगर में है जिसका निर्माण कार्य 1 वर्ष से चल रहा है मेरे मकान में गबरु उर्फ राकेश सोनकर मिस्त्री का काम 10 दिन से कर रहा है दिनांक 18/02/2006 को मिस्त्री ने बताया कि सीमेंट खत्म हो गई और सीमेंट निकाल दो तब मैं वही कमरे में रखी सीमेंट निकालने के लिए जाने लगा उसी समय गबरु मिस्त्री उसके 2 साथी आए गबरु ने मेरा गला पकड़ लिया और पटक दिया गबरु के दोनों साथी ने मुझे पकड़ लिया वह हाथ मुक्का से पेट में मारा तीनों ने मेरे हाथ पैर बांध दिए व मुंह पर पट्टी बांध दी और एक कमरे में बंद कर दिया तथा गबरु ने मेरे जेब में रखे 4000 रुपए ,एक घड़ी छीन लिए। गबरू उर्फ राकेश सोनकर के दोस्त ने मेरे लड़के के मोबाइल नंबर पर फोन करके 150000 रुपये की मांग की व बोला नहीं दिए तो तुम्हारे पिता को जान से खत्म कर दूंगा । करीब 3:00 बजे रात को किसी प्रकार से मैं दरवाजा खटखटाया तो पड़ोस में रहने वाले विजय कुमार की मदद से मेरे लड़के को फोन करके बुलाया और मुझे बाहर निकाला। फरियादि द्वारा उक्त घटना की रिपोर्ट कोतवाली थाना में लेख कराई। जिसके आधार पर अभियुक्तगण के विरूध्द अपराध पंजीबध्द कर प्रकरण विवेचना में लिया गया। विवेचना उपरांत अभियोग पत्र न्यायालय में प्रस्तुत किया गया। प्रभारी उपसंचालक अभियोजन/ जिला लोक अभियोजन अधिकारी श्री अजय कुमार जैन के मार्गदर्शन में उक्त मामले में अभियोजन की ओर से सहायक जिला लोक अभियोजन अधिकारी श्री भगवत उइके द्वारा उक्त मामले में शसक्त पैरवी की गई।
श्री भगवत उइके सहायक जिला लोक अभियोजन अधिकारी के तर्को से सहमत होते हुये न्यायालय श्रीमान सपना कनोडिया जेएमएफसी जबलपुर के न्यायालय द्वारा आरोपी मोहन अहिरवार को धारा 342/34 में 1 वर्ष का कारावास व 300 का अर्थदंड धारा 392/34 भादावि के तहत 3 वर्ष का सश्रम कारावास एवं 600 का अर्थदंड, धारा 387/34 भादावि के तहत 03 वर्ष का कारावास एवं 600 का अर्थदंड से दण्डित किया गया।