
बुरहानपुर। भारतीय जनता पार्टी द्वारा सोमवार को देश के पूर्व प्रधानमंत्री भारत रत्न स्व. अटल बिहारी वाजपेयी की तृतीय पुण्यतिथि मनाई। सुबह 8.30 बजे स्थानीय भाजपा भाजपा कार्यालय के सामने स्थित अटल स्मृति स्थल प अटल जी को भाजपा नेता, पदाधिकारियों ने श्रद्धांजलि अर्पित कर पुष्प चढ़ाए। इस दौरान भाजपा जिलाध्यक्ष मनोज लधवे ने कि अटलजी देश के सर्वमान्य नेता थे। विपक्षी पार्टियों की नजर में भी अटल जी एक सर्वमान्य नेता थे। हमें उनके ही बताए हुए आदर्शों पर चलना चाहिए। पार्टी के लिए उन्होंने अपना पूरा जीवन समर्पित कर दिया। देश के प्रमुख नेताओं में से एक और भारतीय जनता पार्टी के संस्थापक सदस्य श्री वाजपेयी का लंबी बीमारी के बाद निधन हो गया। वह 93 वर्ष के थे। वाजपेयीजी ने तीन बार प्रधानमंत्री के रूप में कार्य किया। वह पहली बार 1996 में प्रधानमंत्री बने थे। इसके बाद उन्होंने 1996, 98 और 99 में देश की बागडोर संभाली। श्री लधवे ने कहा देश उनके जन्मदिन 25 दिसंबर को ‘सुशासन दिवस’ के रूप में मनाता है। उन्हें 2014 में भारत रत्न से सम्मानित किया गया था।
संयुक्त राष्ट्र विधानसभा में भाषण देने वाले पहले विदेश मंत्री
श्री लधवे ने कहा कि पूर्व प्रधानमंत्री श्री अटल बिहारी वाजपेयी की कविताएं जितना लोगों के दिलों को छू जाती हैं, उतना ही उनका भाषण भी हर किसी का दिल जीत लेता था। वाजपेयीजी हिंदी में संयुक्त राष्ट्र विधानसभा में भाषण देने वाले पहले विदेश मंत्री भी थे। 4 अक्टूबर, 1977 को उन्होंने जब हिंदी में भाषण दिया, तो यूएन तालियों से गूंज उठा।
“अटल उद्यान” समाधि पर श्रद्धा-सुमन अर्पित
सोमवार को उनकी पुण्यतिथि भारतीय जनता पार्टी द्वारा आयोजित कार्यक्रम में पूर्व मंत्री एवं भाजपा प्रदेश प्रवक्ता अर्चना चिटनिस ने सम्मिलित होकर अपने विचार रखे और “अटल उद्यान” समाधि पर श्रद्धा-सुमन अर्पित कर नमन किया। श्रीमती चिटनिस ने कहा हम सब के आधारस्तंभ आदरणीय अटलबिहारी वाजपेयीजी उस श्रेणी के प्रथम स्वातंत्रयोत्तर जननायक थे जो भारत वर्ष की स्मृतियों में अपनें जीवन काल में ही अमर हो गए हैं।
इस दौरान वरिष्ठ भाजपा नेता अरुण शेंडे, प्रदेश कार्यसमिति सदस्य ज्ञानेश्वर पाटिल, मनोज तरवाला, किशोर पाटिल, चिंतामन महाजन, रवि गावड़े, गोकुल तायडे, मंडल अध्यक्ष विनोद पाटिल, विक्रम चंदेल, हिदायत उल्ला, प्रगति सिरपुरकर, कविता सूर्यवंशी, गगन कुलकर्णी, चंद्रेश भाले सहित अन्य मौजूद थे।
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