साहित्यक आस्था परिवार जिला इकाई बुरहानपुर द्वारा 75 वें गणतंत्र दिवस एवं गोस्वामी तुलसीदास की जयंती के अवसर पर 15 अगस्त दोपहर ठा. नवल सिंह मोंन्टेसरी स्कूल नवल नगर में परिचर्चा एवं काव्य गोष्ठी का आयोजन किया गया। कार्यक्रम का शुभारंभ गीतकार ठाकुर वीरेंद्र सिंह चित्रकार ने सरस्वती वंदना से किया।
स्वागत उदबोधन में अध्यक्ष संदीप शर्मा “निर्मल” ने संस्था की विषय में विस्तृत जानकारी दी। परिचर्चा का आरंभ करते हुए वीरेंद्र सिंह परिहार ने – करोना के असहनीय कहर से उबरने के बाद 75 भी गणतंत्र दिवस की वर्षगांठ पर अपने विचार व्यक्त किए। रमेशचंद्र वारंगे- ने साहित्य शिरोमणि गोस्वामी तुलसीदास के व्यक्तित्व एवं कृतित्व पर प्रकाश डाला। सुनील सेन द्वारा- अपने आलेख में बताया राष्ट्रीय एकता और अखंडता के लिए साहित्य ने सदैव सत्ता और समाज को आईना दिखाने का कार्य किया है। कवि एवं पत्रकार निलेश महाजन ने- राष्ट्रीय ध्वज के तीन रंगों पर विस्तृत प्रकाश डाला। रवि शंकर सोलंकी ने तुलसीदास जी द्वारा रचित मानस के माध्यम से भारत वर्ष में बहती राम नाम की गंगा से अवगत कराया।
कवि गोष्ठी में कवि एवं उपन्यासकार संतोष परिहार ने -मां भारती की हथेली पर मेहंदी सा रचा हैं गांधी एवं तुलसीदास कविता का पाठ किया। प्रोफेसर संदीप शर्मा निर्मल ने- तीन रंग का कपड़ा लेकर एक छोटा सा डंडा, मां तू सिल दे मुझे तिरंगा एवं तुलसी के राम कविता का पाठ किया। वरिष्ठ गीतकार ठा. वीरेंद्र सिंह चित्रकार ने -“लहर लहर लहराए ध्वज, लहर लहर लहराए रे” कविता का पाठ कर गोष्टि को नई ऊंचाइयां प्रदान की। नवोदित रचनाकार श्रुति सोलंकी एवं रिया सोलंकी ने भाव गीत प्रस्तुत किए देवांश सोलंकी ने संस्कृत में श्लोको का पाठ कर सभी से दाद बटोरी।
कार्यक्रम के मुख्य अतिथि ठाकुर वीरेंद्र सिंह चित्रकार ,विशेष अतिथि संतोष परिहार थे। अध्यक्षता साहित्यकार संदीप शर्मा निर्मल ने की कार्यक्रम का सफल संचालन सुनील सेन द्वारा किया गया। उपस्थित साहित्यकारों एवं साहित्य प्रेमियों का आभार संतोष परिहार ने व्यक्त किया।
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