शैक्षणिकसिमी के आरोपियों को हुआ 03-03 वर्ष का सश्रम कारावास एवं 5000-5000 रूपये के अर्थदण्ड से दण्डित किया गया by Public Look 24 TeamJanuary 4, 2022January 4, 20220517 आज दिनांक को जिला लोक अभियोजन अधिकारी श्री संजीव श्रीवास्तव ने बताया कि दिनांक 03.01.22 को न्यायालय- श्रीमान हीरालाल सिसोदिया, न्यायिक मजिस्ट्रेट, प्रथम श्रेणी, जिला इंदौर के न्यायालय में प्रकरण क्रमांक 3728218/2009, में निर्णय पारित करते हुए आरोपीगण (1) मो. यूनुस पिता मो. साबिर निवासी – बेगम बाग कॉलोनी, उज्जैन वर्तमान पता- मदीना नगर, आजाद नगर मस्जिद के पीछे, संयोगितागंज, जिला इंदौर (म0प्र0) (2) मो. शफीक पिता अब्दुल बारी निवासी- 78, फाजलपुरा उज्जैन वर्तमान पता – पुल बोगदा मुक्कदस नगर, म.न. 25 भोपाल (म0प्र0) को दोषी पाते हुए धारा 153 ए भादवि में 03-03 वर्ष का सश्रम कारावास व 1000-1000 रूपये के अर्थदण्ड, धारा 153 बी भादवि में 03-03 वर्ष का सश्रम कारावास व 1000-1000 रूपये के अर्थदण्ड, विधि विरूद्ध क्रियाकलाप संशोधन अधिनियम 2004 की धारा 10 में 02-02 वर्ष का सश्रम कारावास व 1000-1000 रूपये अर्थदण्ड, विधि विरूद्ध क्रियाकलाप संशोधन अधिनियम 2004 की धारा 13 में 03-03 वर्ष का सश्रम कारावास व 1000-1000 रूपये अर्थदण्ड तथा धारा 143 भादवि में 06-06 माह के साधारण एवं 1000-1000 रूपये के अर्थदण्ड से दण्डित किया गया । प्रकरण में अभियोजन की ओर से पैरवी सहायक जिला लोक अभियोजन अधिकारी श्री सुरेन्द्र सिंह वास्केल द्वारा की गई ।अभियोजन की ओर से सहायक जिला लोक अभियोजन अधिकारी श्री सुरेन्द्र सिंह वास्केल द्वारा तर्क किया गया कि आरोपीगण द्वारा दो सम्प्रदायों के मध्य वैमनस्यता फैलाना तथा भारत राष्ट्र की एकता एवं अखण्डता को खण्डित करना तथा आतंक फैलाना के उद्देश्य से अग्रसर होकर आतंक का प्रचार प्रसार करने जैसे शब्दों का उपयोग कर गंभीर अपराध किया । इसलिए अभियुक्तगणों को कठोरतम दंड से दंडित किये जाने का निवेदन किया गया ।अभियोजन कहानी संक्षेप में इस प्रकार है कि अभियोजन घटना अनुसार दिनांक 20.10.2009 को 19.40 बजे के पूर्व स्थान ईरान वाले बाबा की मजार के पीछे स्थित रोड पर खजराना इंदौर पर अन्य सहअभियुक्तगण के साथ मिलकर विधि विरूद्ध जमाव का गठन करने के उद्देश्य से दो सम्प्रदायों के मध्य वैमनस्यता फैलाना तथा भारत राष्ट्र की एकता एवं अखण्डता को खण्डित करना तथा आतंक फैलाना के उद्देश्य से अग्रसर होकर आतंक का प्रचार प्रसार करने एवं बोले गये शब्दों एवं लिखे गये दस्तावेजों के माध्यम से धर्म, जाति के आधार दो सम्प्रदायों के मध्य दुश्मनी बढाने तथा शांति व्यवस्था को खतरा उत्पन्न करने का कार्य एवं दस्तावेजों एवं अपनी भाव भंगिमाओं के माध्यम से धर्म, जाति संबंधित कोई विशेष वर्ग के सदस्यों के विरूद्ध ऐसी भावनाओं का संचार करने की सूचना प्राप्त होने के आधार पर एंटी टेरिरिस्ट स्क्वाड यूनिट इंदौर में पदस्थ उनि चंद्रशेखर वाघ को विधि विरूद्ध जमाव की सूचना मिलने पर मौके पर पहॅूचे थे । उक्त रिपोर्ट पर से अभियुक्तगण के विरूद्ध धारा 141,143,149,153ए,153बी भा.द.सं. तथा विधि विरूद्ध क्रियाकलाप संशोधन अधिनियम 2004 की धारा 10 एवं 13 का अपराध पंजीबद्ध किया गया एवं सम्पूर्ण विवेचना उपरांत आरोपीगण के विरूद्ध अभियोग पत्र न्यायालय में पेश किया गया । जिस पर से आरोपीगण को उक्त सजा सुनाई गई ।