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Friday, Mar 21, 2025
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स्वास्थ्य विभाग के एकाउंटेंट आरोपी आशुतोष वर्मा को भ्रष्‍टाचार के मामलें में न्‍यायालय ने सुनाई 5 साल की सजा भेजा जेल,लोक सेवकों द्वारा भ्रष्‍टाचार किया जाना एक विकराल समस्‍या-लोकायुक्‍त कोर्ट

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विशेष न्‍यायाधीश भ्रष्‍टाचार निवारण अधिनियम माननीय श्री सुधांशु सिन्‍हा की अदालत द्वारा भ्रष्‍टाचार के केस में ईशानगर उपस्‍वास्‍थ्‍य केंद्र के एकाउन्टेंट आरोपी आशुतोष वर्मा को न्‍यायालय ने भ्रष्‍टाचार निवारण अधिनियम की धारा 13 (1)(डी) में 5 साल की कठोर कारावास एवं 10000 रूपये अर्थदण्‍ड एवं धारा-7 के अंतर्गत 4 वर्ष का कारावास एवं 10000 के जुर्माने की सजा सुनाई है। अभियोजन की ओर से विशेष लोकअभियोजक एडीपीओ के0के0 गौतम ने पैरवी करते हुये मामले के सभी सबूतो को कोर्ट में पेश किये।
अभियोजन कार्यालय से प्राप्‍त जानकारी के अनुसार दिनांक 29/01/15 को ग्राम गौडा ईशानगर की रहने वाली फरियादिया आशा सिंह ने ईशानगर उपस्‍वास्‍थ्‍य केंद्र के एकाउन्‍टेंट आशुतोष वर्मा के खिलाफ रिश्‍वत मांगने के संबंध में पुलिस अधीक्षक लोकायुक्‍त सागर को इस आशय की शिकायत की थी कि फरियादिया की भाभी पुष्‍पा सिंह आशा कार्यकर्ता के पद पर ग्राम गौड़ा तहसील जिला छतरपुर में पदस्‍थ है। आशा कार्यकर्ताओं के लिये 8200 रूपये साल में एक बार सामान खरीदने के लिये मिलते है, इसके लिये बाउचर जमा करने होते है। बाउचर आशुतोष वर्मा एकाउन्‍टेंट ईशानगर उपस्‍वास्‍थ्‍य केंद्र के पास जमा होने है और आशुतोष वर्मा द्वारा उक्‍त वाउचर जमा करने के लिये 1000 रूपये रिश्‍वत की मांग की जा रही है। मैं उन्‍हे रिश्‍वत नहीं देना चाहती हूं और न ही मेरी भाभी देना चाहती है। हम लोग उसे रंगे हाथों पकड़वाना चाहते है। उक्‍त आवेदन पर लोकायुक्‍त पुलिस द्वारा शिकायत सत्‍यापन हेतु फरियादिया को डि‍जीटल वायस रिकार्डर प्रदाय किया जाकर एकाउटेंट आशुतोष वर्मा की रिश्‍वत मांगवार्ता रिकार्ड करने के लिये निर्देशित किया गया। जिस पर फरियादिया ने रिश्‍वत की बातें वायस रिकार्डर में रिकार्ड की। इसके पश्‍चात लोकायुक्‍त पुलिस सम्‍पूर्ण ट्रेप दल के साथ  सामुदायिक स्‍वास्‍थ्‍य केंद्र ईशानगर पहुंची और फरियादिया ने आशुतोष वर्मा एकाउटेंट के कक्ष में जाकर उसे 500 रूपये रिश्‍वत की राशि दी। उसी समय लोकायुक्‍त पुलिस आशुतोष वर्मा के कक्ष में पहुंच गयी और उसे अपने घेरे में ले लिया तथा आशुतोष वर्मा से रिश्‍वत राशि के संबंध में पूछने पर उसने बताया कि ये रिश्‍वत राशि फर‍यादिया से ग्रहण कर अपने पेंट की दाहिनी जेब में रख ली है जिसे लोकायुक्‍त पुलिस द्वारा आशुतोष वर्मा से जप्‍त किया गया। लोकायुक्‍त पुलिस द्वारा आवश्‍यक विवचेना करने के उपरान्‍त अभियोग पत्र न्‍यायालय में प्रस्‍तुत किया गया था। विचारण उपरान्‍त माननीय न्‍यायालय द्वारा उक्‍त सजा सुनाई गयी।

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