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मध्यप्रदेश व्यापार

दलित इंडियन चैम्बर ऑफ कॉमर्स एंड इंडस्ट्री के बिजनेस कॉन्क्लेव में जुटेंगे देशभर के 2000 से ज्यादा एससी-एसटी उद्यमी और कारोबारी

  • 9 अक्टूबर को कॉन्क्लेव में सीएम शिवराज सिंह करेंगे शिरकत, मप्र सरकार और डिक्की का MoU होगा साइन
  • मुख्यमंत्री देश के प्रख्यात एससी-एसटी कारोबारियों और उद्यमियों के साथ राउंडटेबल बैठक कर उनसे चर्चा करेंगे
  • 17 साल पहले शुरू हुआ DICCI का सफ़र, दलित और आदिवासी युवाओं में विकसित कर रहा है बिजनेस लीडरशिप
  • डिक्की के मध्य प्रदेश चैप्टर ने 6 साल में 1500 युवाओं को स्व-रोजगार के लिए किया है तैयार, हजारों लोगो दिया प्लेटफार्म
  • कारोबार और उद्यमिता के क्षेत्र में कमाल कर वंचित तबकों के उद्यमी

06 अक्टूबर 2022, भोपाल.
दलित इंडियन चैम्बर ऑफ कॉमर्स एंड इंडस्ट्री (DICCI) की ओर से मध्य भारत में पहली बार मेगा एससी-एसटी बिजनेस कॉन्क्लेव एंड एक्सपो का आयोजन किया जा रहा है। 9 अक्टूबर को भोपाल स्थित रवींद्र भवन में होने वाले इस कॉन्क्लेव में देशभर के 2000 से अधिक एससी-एसटी कारोबारी, उद्यमी और स्टार्टअप शिरकत करेंगे। इस कार्यक्रम में मध्य प्रदेश के मुख्यमंत्री श्री शिवराज सिंह चौहान, केंद्रीय मंत्री, राज्य के मंत्रीगण, भारत सरकार और राज्य सरकार के अधिकारी, विशेषज्ञ, सीआईआई और फिक्की से जुड़े बड़े उद्योगपति के विशेष रूप से उपस्थित रहेंगे। मुख्यमंत्री श्री चौहान देश के प्रख्यात एससी-एसटी कारोबारियों और उद्यमियों के साथ राउंडटेबल बैठक कर उनसे चर्चा करेंगे। डिक्की यह कॉन्क्लेव मप्र इंडस्ट्रियल डेवलपमेंट कॉरपोरेशन के साथ मिलकर आयोजित कर रहा है। इस दौरान डिक्की और मप्र सरकार के बीच एक एमओयू भी साइन होगा।
राज्य की एमएसएमई एवं स्टार्टअप नीति, स्व-रोजगार योजनाओं, कृषि और फूड प्रोसेसिंग, पशुपालन पालन, डेयरी और लाइवस्टॉक मैनेजमेंट, मध्यप्रदेश से निर्यात के अवसर, हेल्थ केयर क्षेत्र की संभावनाओं, सोशल इन्क्लूजन और अफरमेटिव एक्शन जैसे विषयों चर्चा होंगी। देश के प्रख्यात एससी-एसटी उद्योगपति और उद्यमी मध्यप्रदेश के उद्यमियों और युवाओं को बिजनेस लीडरशिप के टिप्स देंगे। शून्य से शिखर पर पहुंचे कारोबारी अपने अनुभव साझा करेंगे तथा मध्यप्रदेश के सफल उद्यमियों की यहां कहानियां प्रस्तुत की जाएंगी। इस कॉन्क्लेव का मुख्य उद्देश्य मध्यप्रदेश में एससी-एसटी उद्यमियों और युवाओं के लिए एक इकोसिस्टम तैयार है, ताकि वे सुगमता पूर्वक उद्यमिता के क्षेत्र में आ सकें। एससी-एसटी उद्यमियों की यूनिट को राज्य के बड़े उद्योगों के साथ एंकर यूनिट के रूप में विकसित करना है।

प्रेस कॉन्फ्रेंस में DICCI के नेशनल प्रेसिडेंट पद्मश्री रविकुमार नर्रा ने बताया कि हमारा मकसद अनुसूचित जाति एवं जनजाति के युवाओं में व्यवसायिक नेतृत्व विकसित करना है। डिक्की के बैनर तले हम उन्हें व्यवसाय एवं उद्योग क्षेत्र में प्रवेश करने के लिए प्रेरित कर रहे हैं। ताकि वह देश की अर्थव्यवस्था में बहुमूल्य योगदान दे पाएं। इतना ही नहीं हम ऐसी युवा प्रतिभाओं का समर्थन और उनके स्टार्टअप को केंद्र व राज्य सरकारों की विभिन्न योजनाओं के माध्यम से सहायता प्रदान करने के लिए भी कार्य कर रहे हैं। श्री नर्रा ने कहा कि डिक्की की पहल पर अनेक राज्यों ने एससी-एसटी वर्ग के लिए विशेष उद्योग नीतियां बनाईं हैं, जिसके परिणामस्वरूप उन राज्यों में अच्छे परिणाम आए हैं। 16 साल से डिक्की 32 स्टेट चैप्टर और 7 इंटरनेशनल चैप्टर के साथ देश और विदेश में एससी-एसटी बिजनेस लीडरशिप तैयार करने के लिए प्रयास कर रहा है। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी भी डिक्की के प्रयास की सराहना कर चुके हैं। हम केंद्र सरकार के सहयोग से देशभर में 1000 स्टार्टअप शुरू करने के दिशा में आगे बढ़ रहे हैं।

युवा नौकरी देने वाले बनें: डॉ. सिरवैया
DICCI मध्य प्रदेश चैप्टर के प्रेसिडेंट डॉ. अनिल सिरवैया ने बताया कि मुख्य अतिथि श्री शिवराज सिंह के अलावा डिक्की के संस्थापक अध्यक्ष पद्मश्री डॉ. मिलिंद कांबले, डिक्की के राष्ट्रीय अध्यक्ष पद्मश्री रविकुमार नर्रा समेत कई विशेषज्ञ बिजनेस और स्टार्टअप से जुड़ी अहम जानकारियां साझा करेंगे। हमारा लक्ष्य- नौकरी देने वाले बनें यानी Become Job Givers है। इसके लिए डिक्की समय-समय पर देश के विभिन्न राज्यों में व्यापार मेले, सेमिनार और कार्यशालाएं, उद्योग एवं सरकार के बीच वार्ता जैसे प्रयास करता है। उन्होंने कहा कि सभी लोगों को नौकरियां नहीं दी जा सकती हैं, इसलिए उद्यमिता ही विकल्प है।
डिक्की का मध्यप्रदेश चैप्टर 2018 में शुरू हुआ था, इसके बाद हमने सभी संभागों और जिलों में को-ऑर्डिनेटर नियुक्त किए। संगठन के द्वारा प्रदेश में पिछले 6 वर्षों में 1500 से अधिक युवाओं को स्व-रोजगार स्थापित करने में मदद की गई। अब हमारा लक्ष्य प्रदेश के 313 विकासखंडों में एससी-एसटी उद्यमियों के नेटवर्क को मजबूती देना है। ताकि वह सरकार के सूक्ष्म, लघु एवं मध्यम उद्योगों में खुद को स्थापित कर ज्यादा से ज्यादा रोजगार के अवसर प्रदान कर सकें।

महत्वपूर्ण तथ्य :

  1. राज्य में 38% आबादी के साथ एससी-एससटी वर्ग की बड़ी उपस्थिति है। राज्य की अर्थव्यस्था में इन वर्गों की भागीदारी बढ़ाने के लिए राज्य सरकार के प्रयास उल्लेखनीय है।
  2. इन प्रयासों के अनुरूप राज्य में एससी –एसटी वर्ग में उद्यमिता विकास और रोजगार के अवसरों के सृजन के लिए एक विशेष प्रोत्साहन नीति की आवश्यकता है। इस सन्दर्भ में अनेक राज्यों की बेस्ट प्रेक्टिसेस के आधार पर डिक्की द्वारा एक विशेष नीति क्रियान्वयन हेतु प्रस्तुत है। 2005 में रखी गई थी डिक्की की नींव
    बता दें कि दलित इंडियन चैम्बर ऑफ कॉमर्स एंड इंडस्ट्री (DICCI) की स्थापना 2005 में अनुसूचित जाति एवं अनुसूचित जनजाति के युवाओं और उद्यमियों के बीच उद्यमशीलता की भावना पैदा करने के लिए की गई थी। जिससे वे दुनिया के साथ कदम से कदम मिलाकर चलने में सक्षम हो सकें।

कॉन्क्लेव में आमंत्रित उद्योगपति एवं विशिष्टजन:
श्री अशोक खाडे (मुंबई) श्री रतिलाल भाई मकवाना (अहमदाबाद), श्री हरीकिशन पिप्पल (आगरा), श्री राजा नायक (बैंगलुरु), श्री संजीव डांगी (दिल्ली), श्री संतोष कांबले (मुंबई), श्री सुंदरराजन एन. (पुडुचेरी), श्री मुकुंद कमलाकर (पुणे), श्री फकीरचंद मोघा (मुजफ्फरनगर), सुश्री अरूणा दसारी (हैदराबाद), संतोष देवीदास खवले, (मुंबई), धनिका नायक यू. (बैंगलुरु), सतीश भाई परमार (अहमदाबाद), अविनाश जगताप (पुणे), श्री कमलकिशोर (कानपुर), गजेन्द्र प्रकाश सुयल (उदयपुर), सुरिन्दर कुमार दायमा (नई दिल्ली) एवं अन्य।

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