स्वीटी विश्वकर्मा को 20 वर्ष की दिया गया कठोर कारावास
डॉ हेमन्त मित्तल को हुआ गर्भपात कराने के लिए 5 वर्ष का कठोर कारावास
भादवि एवम पॉक्सो एक्ट की विभिन्न धाराओं में दी गयी सजा
भोपाल- जिले के की विशेष पॉक्सो न्यायाधीश श्रीमती कविता वर्मा के न्यायालय ने आज दिनांक 07/03/22 को प्यारे मियां एवम आवेश को नाबालिक का यौन शोषण करने के लिए प्राकृतिक जीवन तक का कारावास एवम जुर्माना स्वीटी विश्वकर्मा को यौन शोषण में सहयोग एवम गर्भपात कराने 20 वर्ष का कारावास एवम जुर्माना एवम डॉ हेमंत को गर्भपात करने के लिए 5 वर्ष का कारावास एवम जुर्माना के दंड से दंडित किया गया ,मामले में पैरवी विशेष लोक अभियोजक श्री पी एन सिंह राजपूत द्वारा किया गया
जनसंपर्क अधिकारी भोपाल संभाग श्री मनोज त्रिपाठी ने बताया कि थाना कोहेफिजा द्वारा अपने थाने में दर्ज अपराध क्रमांक 444/20 अन्तर्गत धारा 376, 376(2)(एन) , 376(2-आई), 376(2-च), धारा 342, 506 भादवि तथा लैगिंक अपराधो से बालको का संरक्षण अधिनियम 2012 की धारा 5(एल), 5(एन) तथा 6 के प्रकरण में मुख्य आरोपी प्यारे मिया को दिनांक 01 अगस्त 2020 (कुल 05) दिवस की पुलिस अभिरक्षा की मांग की गयी, जिसमें माननीय न्यायालय द्वारा आरोपी प्यारे मियां की पुलिस अभिरक्षा दिनांक 30 जुलाई 2020 की दोपहर तक थाना कोहेुफिजा को दी गयी।
ऐसे खुली थी मियां की पोल?
बात 2 जुलाई 2020 रात करीब तीन बजे है जब गश्त लगाती रातीबड़ पुलिस की टीम को कुछ नाबालिग लड़कियां सड़क पर घूमते हुए मिली थीं. सभी शराब के नशे में थी. पुलिस ने उन्हें चाइल्ड हेल्प लाइन के हवाले कर दिया था. जहां उनसे की गई पूछताछ में मियां की सच्चाई सामने आई.
जम्मू-कश्मीर से हुआ था गिरफ्तार
जुलाई 2020 में पुलिस ने प्यारे मियां के विदेश भागने की आशंकाओं के बीच लुकआउट नोटिस जारी किया था. 14 जुलाई को प्यारे के जम्मू कश्मीर के श्रीनगर में होने की जानकारी मिली था, जिसके बाद मध्य प्रदेश पुलिस ने उसे पुलिस की मदद से 15 जुलाई को गिरफ्तार किया था. प्यारे मियां आष्टा में अपनी गाड़ी छोड़कर टैक्सी लेकर इंदौर चला गया था. यहां से फ्लाइट से पहले दिल्ली और फिर फ्लाइट से ही श्रीनगर पहुंचा था.
उल्लेखनीय है थाना कोहेफिजा द्वारा अपने यहां दर्ज प्रकरण के संबंध में यह बताया गया कि आरोपीगण द्वारा विगत तीन वर्षो से प्रकरण की पीडिता का यौन शोषण किया जा रहा था पीडिता द्वारा विरोध करने पर पीडिता सहित परिवारजनो को जान से मारने की धमकी आरोपीगण द्वारा दी जाती थी। कोहेफिजा द्वारा अपराध क्रमांक 444/20 अन्तर्गत धारा 376, 376(2)(एन) , 376(2-आई), 376(2-च), धारा 342, 506 भादवि तथा लैगिंक अपराधो से बालको का संरक्षण अधिनियम 2012 की धारा 5(एल), 5(एन) तथा 6 के प्रकरण दर्ज किया गया था, पीड़ित का गर्भपात भी कराया गया था, जिस पर चिकित्सीय गर्भ समापन अधिनियम की धारा 4 एवम 5 बढ़ायी गयी थी।