आज दिनांक को जिला अभियोजन अधिकारी श्री संजीव श्रीवास्त व ने बताया कि माननीय न्यानयालय- श्रीमान धर्मेन्द्र सोनी , 28वें अतिरिक्तअ सत्र न्याायाधीश, जिला इंदौर के न्यारयालय में थाना तेजाजी नगर जिला इंदौर के सत्र प्रकरण क्रमांक 254/2019, में निर्णय पारित करते हुए आरोपी 1) विनायक पिता काशीनाथ उम्र 42 वर्ष 2) पलक पिता गोपाल पौराणिक उम्र 25 वर्ष 3) शरद पिता बसंतराव उम्र 34 वर्ष को दोषी पाते हुए धारा 306 सहपठित धारा 120बी भादवि में 06 – 06 वर्ष का सश्रम कारावास एवं धारा 384, सहपठित धारा 120 बी में 02-02 वर्ष का सश्रम कारावास एवं प्रत्ये क में 500-500 रूपये के अर्थदण्डम से दण्डित किया गया । शासन कि ओर से पैरवी अपर लोक अभियोजक श्री गजराज सिंह सोलंकी द्वारा की गई ।
अभियोजन कहानी संक्षेप में इस प्रकार है कि दिनांक 12/06/2018 को बॉम्बे हॉस्पिटल इंदौर से डॉक्टर सुतांशु दुबे ने सूचना दी कि मृतक उदय सिंह देशमुख को विनायक दुधाडे लेकर आया है जिसे डॉक्ट र द्वारा मृत घोषित किया गया । सूचना के आधार पर आरक्षी केन्द्र तेजाजी नगर में मर्ग क्रमांक 27/18 धारा 174 द.प्र.सं. दर्ज कर जॉच प्रारम्भा की गई । जॉच के दौरान मृतक का पी0एम0 कराया गया जिसमें फायर – आर्म्स् के कारण आई चोट से मृत्यु होना पाया । घटनास्थाल का मौका नक्शास बनाया गया मृतक के कमरे का ताला खोला गया व सभी आवश्यक वस्तुऍ घटनास्थल से जप्त की गई मौके से कुछ डायरियॉ , मोबाईल, लेपटॉप आदि जप्त किये गये एवं साक्षियों के कथन लेखबद्ध किए गये जॉच में पाया गया कि मृतक का विवाह 30/04/2017 को आयुषी के साथ हुआ था । शादी के दिन से ही आरोपिया पलक के द्वारा मृतक पर शादी न करने का दबाव बनाया जा रहा था और इसी बात को लेकर रूपयों की मांग तथा अन्ये खर्चे मृतक से कराये जा रहे थे । आरोपिया पलक द्वारा स्वंय से मृतक की शादी की दिनांक 16/06/2018 को निर्धारित कर आरोपी विनायक एवं शरद, जो कि मृतक के सेवादार थे, के माध्य/म से लगातार बदनाम करने की धमकी देकर मानसिक रूप से प्रताडित किया जा रहा था । मृतक को अतिरिक्त नींद की दवाईया देकर भी मानसिक रूप से प्रताडित करने का प्रयास किया गया । अभियुक्तीगण के दुष्प्रेरण के चलते मृतक द्वारा रिवॉल्वर से गोली मारकर आत्मगहत्या कर ली गई । जॉच के आधार पर अभियुक्तलगण के विरूद्ध अपराध क्र. 28/19 धारा 306, 384 तथा 120 बी भादवि का अपराध पंजीबद्ध कर विवेचना में लिया गया, सम्पूार्ण विवेचना उपरांत आरोपीगण के विरूद्ध अभियोग पत्र न्याययालय में पेश किया गया । जिस पर से आरोपीगण को उक्त सजा सुनाई गई ।
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