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Saturday, Sep 21, 2024
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सोलर मैन ऑफ इंडिया डॉ. चेतन सोलंकी के नेतृत्व में एनर्जी स्वराज यात्रा पहुंची बुरहानपुर, पूर्व मंत्री श्रीमती अर्चना चिटनिस की उपस्थिति में माँ वाघेश्वरीदेवी मंदिर परिसर पर आयोजित कार्यक्रम में हुआ मंथन

बुरहानपुर। विश्व के वातावरण में 45 प्रतिशत अतिरिक्त कार्बनडाईऑक्साइड अतिरिक्त है याने बहुत बड़ा परिवर्तन हो चुका है। इसके कारण आज की तारीख पृथ्वी का तापमान जो सामान्य होता था उससे अधिक 1.5 डिग्री फेरेनाइट तापमान बढ़ चुका है। पृथ्वी का तापमान जो बढ़ा उससे पृथ्वी को बुखार आ गया है। इतने बढ़े गृह का जलवायु परिवर्तन हो गया है। बारिश ठीक से नहीं, ठंड ठीक से नहीं अजीबों गरीब घटनाएं हो रही है। रेगिस्तान में बर्फ का गिरना। जंगल में आग लगना। प्रकृति का जो नुकसान हो रहा है वह हमारा ही हो रहा है।
यह बात सोलर मैन ऑफ इंडिया डॉ. चेतन सोलंकी ने ग्राम धामनगांव स्थित मां वाघेश्वरीदेवी मंदिर परिसर पर आयोजित कार्यक्रम को संबोधित करते हुए कही। देश को ऊर्जा के क्षेत्र में स्वावलंबी और आत्मनिर्भर बनाने के लिए आईआईटी मुंबई के प्रोफेसर चेतन सिंह सोलंकी इन दिनों एनर्जी स्वराज यात्रा निकाल रहे हैं। यह एनर्जी स्वराज यात्रा बुरहानपुर पहुंची। यात्रा के बुरहानपुर आगमन पर भाजपा के वरिष्ठ मंत्री एवं प्रदेश प्रवक्ता श्रीमती अर्चना चिटनिस (दीदी) की पहल पर ग्राम धामनगांव स्थित माँ वाघेश्वरीदेवी मंदिर परिसर में किसानों, ग्रामीणों, विद्यार्थियों, युवाओं, व्यापारियों, उधोगपतियों एवं जनप्रतिनिधियों की उपस्थिति में एक विशेष कार्यक्रम आयोजित किया गया। कार्यक्रम में प्रो.चेतन सोलंकी ने ग्लोबल वार्मिंग से होने वाले खतरे और आमजन को आत्मनिर्भर बनने के गुर बताए तथा लोगों से अपील की है कि सभी सूर्य से मिलने वाली एनर्जी का उपयोग कर आत्मनिर्भर बनें। आने वाले समय में ग्लोबल वार्मिंग से आम जनजीवन को बड़ा खतरा होने वाला है। इसलिए अभी से प्राकृतिक ऊर्जा पर निर्भर रहने की आदत डालनी होगी। इसी बात का संदेश लेकर नवकरणीय उर्जा के ब्रांड एबेंसेडर एवं आआईटी मुंबई के प्रोफेसर डॉ. चेतन सोलंकी एनर्जी स्वराज यात्रा पर निकले है। करीब 11 साल में यह यात्रा देशभर में 2 लाख किलोमीटर का सफर तय करेगी।
सोलर मैन ऑफ इंडिया डॉ. चेतन सोलंकी ने कहा कि ऐसा माना जाता है कि मुंबई आधा डूब जाएगा। समुद्र का पानी इतनी तेज से बढ़ रहा है। 3.3 मिमी प्रतिवर्ष की दर से समुद्र का जल स्तर बढ़ रहा है। इससे हर साल समंुद्र किनारे के हजारों लोग पलायन कर रहे हैं। ग्लेशियर का क्षेत्रफल 7.5 मिलियन स्क्वेयर किमी होता था वह घटकर 3.5 स्केवयर किलोमीटर पर आ गया। 10-12 साल बाद गर्मी का सीजन में बर्फ घटकर जीरो हो जाएगी इतना बड़ा परिवर्तन हो रहा है। वैज्ञानिकों का तापमान कहना है कि इसे 1.5 डिग्री सेंटिग्रेड से ज्यादा नहीं बढऩे देना चाहिए, खूब से खूब 2 सेंटिग्रेड नहीं बढऩा चाहिए। 1.5 सेंटिग्रेड होने पर यह सुधार नहीं कर सकते। 2 सेंटिग्रेड होने पर प्रलय आ जाएगा। 1.5 सेंटिग्रेड तापमान बढ़ जाएगा उसके लिए केवल 7-8 साल का समय बाकी है। 1 सेकंड में पूरी धरती पर 13 लाख किलोग्राम कार्बनडाइऑक्साइड हवा में जा रही है। बहुत बड़े लेवल की गड़बड़ है। हम अपना गड्ढा खुद ही खोद रहे हैं।
डॉ. चेतन सोलंकी ने कहा कि प्रो.चेतन सिंह सोलंकी ने सोलर ऊर्जा का महत्व पर्यावरण संतुलन, मृदा संरक्षण, मिट्टी, पानी, हवा अनेक बिंदुओं पर विशेष महत्वपूर्ण बताते हुए कहा कि प्रकृति का दोहन के लिए हम सभी जिम्मेदार है। अतरू हम सभी को हमारे लिए, आने वाली पीढ़ी के लिए जल वायु प्रदूषण को रोकना है। साथ ही सिर्फ पेड़-पौधे लगाने से जल वायु प्रदूषण नहीं रुकने वाला है। इसके लिए हमें ऊर्जा के उपयोग में बदलाव लाना होगा। इस अभियान को बड़े स्तर पर अभी से चलाना होगा, अभी नहीं तो कभी नहीं। उन्होंने कहा कि हम विकास तो कर रहे हैं, लेकिन सुविधाओं में वृद्धि के साथ साथ वातावरण में प्रदूषण भी बढ़ा रहे हैं। एयर कंडिशनर रेफ्रिजरेटर आदि के उपयोग से वातावरण का तापमान बढ़ रहा है। उन्होंने कहा कि मॉडर्न व्यक्ति दुनिया का सबसे खतरनाक सबसे मूर्ख प्राणी है, जो कि प्राकृतिक संसाधनों का अत्यधिक दोहन कर वातावरण को प्रदूषित कर रहा है और प्राकृतिक संतुलन को बिगाड़ रहा है। आज हमारी आय जिस दर से बढ़ती जा रही है, हम संसाधनों का दुरुपयोग कर प्रदूषण भी उसी दर से बढ़ाते जा रहे हैं।
पूर्व मंत्री एवं भाजपा प्रदेश प्रवक्ता श्रीमती अर्चना चिटनिस (दीदी) ने कहा कि प्राकृतिक संसाधनों के अत्यधिक दोहन के कारण पर्यावरण संतुलन बिगड़ रहा है। वातावरण का तापमान ग्रीन हाउस प्रभाव के कारण लगातार बढ़ रहा है। यदि इसी गति से वातावरण का तापमान बढ़ता रहा और ग्लोबल वार्मिंग की यह प्रक्रिया चलती रही तो आने वाले वर्षों में ध्रुवों की बर्फ पिघलेगी और समुद्र तथा नदियों का जल स्तर बढ़ेगा। आज आवश्यकता ऊर्जा संरक्षण की है क्योंकि वायुमंडल में कार्बन डाई आक्साइड की मात्रा लगातार बढ़ती जा रही है। आने वाली पीढ़ी के बेहतर भविष्य के लिए सौर ऊर्जा अपनाएं।
पूर्व मंत्री श्रीमती चिटनिस ने कहा कि यह विचारणीय है कि हम कैसी धरती चाहते हैं। धरती के पारंपरिक ऊर्जा संसाधन धीरे-धीरे खत्म हो रहे हैं। इनसे प्रदूषण भी होता है। भावी पीढि़यों के कल्याण के लिए हमें सौर ऊर्जा का अधिकतम उपयोग करना होगा। उन्होंने कहा कि प्रो. चेतन सोलंकी के त्याग में परिवार का अहम योगदान है। सोलंकी एक अच्छा जीवन जी सकते थे, लेकिन वे सभी के लिए जी रहे हैं। प्रो. चेतन सोलंकी जन-जागृति के लिए परिवार से दूर रहकर 11 वर्ष की एनर्जी स्वराज यात्रा पर निकले हैं। प्रधानमंत्री श्री नरेंद्र मोदी जी ने भी कहा है कि सोलर एनर्जी प्योर, श्योर और सेक्योर है। इससे पर्यावरण को कोई नुकसान नहीं है। प्रत्येक नागरिक को प्रो. सोलंकी का हृदय से अभिनन्दन करना चाहिए।
एनर्जी स्वराज यात्रा बस में सवार हुई पूर्व मंत्री श्रीमती चिटनिसपूर्व मंत्री श्रीमती अर्चना चिटनिस (दीदी) ने बस में सवार होकर इस बात पर प्रकाश डाला कि, यह परियोजना “राष्ट्रीय शिक्षा” के अनुरूप है। उन्होंने यह भी कहा कि इस बस को 100 प्रतिशत सौर ऊर्जा को अपनाने के लिए एक सार्वजनिक आंदोलन बनाने के उद्देश्य से तैयार किया गया है। इस बस में रहने वाले को स्नान, खाना पकाने, सोने, काम करने, बैठक और प्रशिक्षण जैसी सभी दैनिक गतिविधियों को करने की अनुमति मिलती है। इस बस को 3.2 केवी के सोलर पैनल से लैस किया गया है। इसमें 6 केवीएच की बैटरी स्टोरेज की क्षमता है। “एनर्जी स्वराज यात्रा” बस सौर ऊर्जा पर चलती है। इसमें संपूर्ण कार्य-सह-आवासीय इकाई (वर्क कम रेसिडेंट यूनिट) भी शामिल है। प्रोफेसर वर्ष 2020 से सौर ऊर्जा के उपयोग के बारे में जागरूकता बढ़ाने के लिए इस बस में यात्रा कर रहे हैं। यह यात्रा 2030 तक जारी रहेगी।
एनर्जी स्वराज यात्रा
“एनर्जी स्वराज यात्रा” की अवधारणा जलवायु परिवर्तन को कम करने और ऊर्जा स्थिरता सुनिश्चित करने के लिए “गांधीवादी विचारधारा” पर आधारित है। जलवायु परिवर्तन एक आपातकाल बन गया है जिसे कम करने के लिए सार्वजनिक प्रयासों की आवश्यकता है। जलवायु परिवर्तन की समस्या को हल करने के लिए और लोगों में जागरूकता लाने के लिए ऊर्जा स्वराज आंदोलन शुरू किया गया था। प्रोफेसर चेतन सौलंकी की इस यात्रा की शुरुआत विगत 26 नवंबर को मध्यप्रदेश के भोपाल से हुई थी। यात्रा को मुख्यमंत्री शिवराजसिंह चौहान ने हरी झंडी दिखाकर रवाना किया था। उन्हें हाल ही में मध्यप्रदेश के मुख्यमंत्री श्री शिवराजसिंह चौहान द्वारा मध्यप्रदेश के सौर ऊर्जा का ब्रांड एंबेसडर बनाया गया। यह यात्रा पूरे 11 वर्षों तक देश के अलग-अलग हिस्सों में भ्रमण करेगी।
कार्यक्रम में भाजपा जिलाध्यक्ष मनोज लधवे, युवराज महाजन, जनपद पंचायत अध्यक्ष किशोर पाटिल, जिला पंचायत सदस्य गुलचंद्रसिंह बर्ने, रामभाऊ लांडे, बलराज नावानी, काशीनाथ एनपुरकर, प्रदीप केडि़या, प्रदीप तोदी, रवि पोद्दार, मुकेश देवड़ा, विरेंद्र तिवारी, विनोद चौधरी, अशोक पाटिल, लक्ष्मण महाजन, प्रभाकर चौधरी, सुनिल बंड, राजू पाटिल, शांताराम चौधरी, रामकृष्ण महाजन, पंडित सोनवणे, नितीन महाजन, गणेश महाजन, किशोर कामठे, योगेश्वर पाटिल, गफ्फार मंसूरी, प्रभाकर महाजन, संभाजीराव सगरे, रूद्रेश्वर एंडोले, योगेश चौधरी, विश्वास शिवहरे सहित अनेक जनप्रतिनिधि, कृषक, ग्रामीण, युवा उपस्थित रहे।

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