न्यायालय विशेेष न्यायाधीश (पॉक्सो एक्ट) डॉ0 (श्रीमती) आरती शुक्ला पाण्डेय, षष्ठम अपर सत्र न्यायाधीश महोदय उज्जैन, के न्यायालय द्वारा आरोपी आकाश उर्फ अक्कू पिता सुरेश निवासी उज्जैन धारा 376(3) में 20 वर्ष का कठोर कारावास धारा 376(2)एन में 10 वर्ष, धारा 366 भादवि में 07 वर्ष का कठोर कारावास एवं कुल 2,500/- रूपये के अर्थदण्ड से दण्डित किया गया।
मीडिया सेल प्रभारी श्री मुकेश कुमार कुन्हारे ने अभियोजन की घटना अनुसार बताया कि घटना इस प्रकार है, कि पीड़िता की मॉ ने थाना पर प्रथम सूचना रिपोर्ट लेखबद्ध कराई कि उसकी लडकी दिनांक 05.06.2019 को शाम 05ः00 बजे काम करने गई थी, लेकिन वह वापस नही आई, उसे शंका है कि आरोपी आकाश उसे बहला फुसलाकर कही ले गया है। विवेचना के दौरान पीड़िता को आरोपी से दस्तयाब किया गया। आरोपी द्वारा पीड़िता के साथ दुष्कर्म किया गया था। पुलिस द्वारा अनुसंधान पूर्ण कर न्यायालय में अभियोग पत्र प्रस्तुत किया गया था। पीड़िता के साथ हुये दुष्कर्म की पुष्टि डीएनए रिपोर्ट से हुई थी। न्यायालय द्वारा अभियोजन के तर्कों से सहमत होकर आरोपी को दण्डित किया गया।
दण्ड के प्रश्नः- अभियुक्त द्वारा न्यायालय से निवेदन किया था कि उसे कम से कम दण्ड से दण्डित किया गया जाये। अभियोजन अधिकारी द्वारा आरोपी को अधिकतम दण्ड से दण्डित किये जाने का निवेदन किया था।
न्यायालय की टिप्पणीः- न्यायिक सिद्धांत की अदालतों को न केवल अभियुक्त के अधिकार को ध्यान में रखना चाहिये बल्कि बडे पैमाने पर पीडित व समाज के हित को भी ध्यान में रखना चाहिए। अभियुक्त आकाश द्वारा अवयस्क बालिका का बलात्कार किया है। अतः आरोपी दण्ड के संबंध में उदारता का पात्र नही है।
प्रकरण में उप-संचालक अभियोजन डॉ0 साकेत व्यास के कुशल मार्गदर्शन में शासन की ओर से पैरवी श्री सूरज बछेरिया, विशेष लोक अभियोजक उज्जैन के द्वारा की गई।