26 नवम्बर 1949 को भारतीय संविधान को अपनाए जाने की ऐतिहासिक घटना को स्मरण करते हुए आज शासकीय माध्यमिक शाला तुरकगुराड़ा में एक विशेष कार्यक्रम का आयोजन किया गया। इस कार्यक्रम का उद्देश्य छात्रों और शिक्षकों को संविधान निर्माण के महत्व और इसके प्रभावों से परिचित कराना था। कार्यक्रम की शुरुआत सरस्वती वंदना और दीप प्रज्वलन से हुई, जिसके बाद विद्यालय के शिक्षक संजय राठौड़ ने संविधान दिवस के महत्व पर प्रकाश डाला ओर संविधान दिवस मनाया गया।एवं संविधान की उद्देशिका का वाचन किया गया इस दौरान विजय महाजन देवानंद वानखेडे सुभाष चौहान विट्ठल चौधरी महेंद्र महाजन कैलाश राठौड़ उपस्थित थे।
इस अवसर पर विद्यार्थियों ने भारतीय संविधान की प्रस्तावना का सामूहिक वाचन किया और इसे समझने का प्रयास किया। इसके बाद संविधान निर्माण से जुड़े विभिन्न ऐतिहासिक पहलुओं पर एक व्याख्यान प्रस्तुत किया गया, जिसमें संविधान सभा के सदस्यों के योगदान, उनके द्वारा तय किए गए सिद्धांतों और संविधान निर्माण की प्रक्रिया का विस्तृत विवरण दिया गया।
कार्यक्रम में छात्रों ने संविधान से जुड़े विषयों पर रंगारंग सांस्कृतिक प्रस्तुतियां भी दीं, जिनमें नाटक, गीत और भाषण शामिल थे। इन प्रस्तुतियों के माध्यम से उन्होंने संविधान में निहित मूल अधिकारों और कर्तव्यों को रचनात्मक तरीके से प्रस्तुत किया। शिक्षकों और अतिथियों ने छात्रों के प्रयासों की सराहना की और संविधान के प्रति उनकी जागरूकता को प्रेरणादायक बताया।
कार्यक्रम के अंत में एक प्रश्नोत्तरी प्रतियोगिता का आयोजन किया गया, जिसमें संविधान से जुड़े प्रश्न पूछे गए। विजेता छात्रों को प्रमाणपत्र और पुरस्कार प्रदान किए गए। कैलाश राठौड़ ने अपने समापन भाषण में सभी को संविधान के प्रति जागरूक और इसके आदर्शों को अपने जीवन में लागू करने के लिए प्रेरित किया। इस प्रकार, यह कार्यक्रम छात्रों और शिक्षकों के लिए ज्ञानवर्धक और प्रेरणादायक सिद्ध हुआ।