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Saturday, Sep 21, 2024
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शैक्षणिक

जागरूकता से ही ’’बाल विवाह सामाजिक बुराई’’ को रोका जा सकता

बुरहानपुर- जिला विधिक सेवा प्राधिकरण एवं महिला बाल विकास विभाग तथा यूनीसेफ के समन्वय से बाल विवाह रोके जाने हेतु पैरालीगल वालेंटियर्स के मध्य जागरूकता कार्यक्रम का आयोजन ऑनलाईन बेविनार द्वारा आयोजित किया गया। उक्त कार्यक्रम में सर्वप्रथम महिला बाल विकास विभाग एवं सामाजिक संस्था के सहयोग से बाल विवाह पर बनाई गई शॉर्ट फिल्म ’’नान्सी’’ को दिखाया गया।
अपर जिला न्यायाधीश/सचिव श्री नरेन्द्र पटेल ने कहा कि बाल विवाह समाजिक बुराई है। जिसको जागरूकता से कम या खत्म किया जा सकता है। बाल विवाह प्रतिषेध अधिनियम 2006 में बाल विवाह करने वालों के खिलाफ सख्त कार्यवाही करने का प्रावधान है। यह बताया कि बाल विवाह से बच्चों के मनोविज्ञान पर नकारात्मक प्रभाव पड़ता है। बच्चों की सोचने और समझने की क्षमता पर विपरित प्रभाव पड़ता है। उनमें विश्वास की कमी आती है और वह अन्य पर निर्भय रहते है।
बाल विवाह होने से लड़का लड़की दोनों का समुचित रूप से होने वाले शारीरिक विकास रूक जाता है। वह कमजोरी के शिकार होते हैं और बीमारियां भी उत्पन्न हो जाती है। उन्होंने बताया कि लोगों में जागरूकता फैलाकर बाल विवाह रोका जा सकता है। बाल विवाह रोके जाने हेतु पुलिस को, बाल विवाह प्रतिषेध अधिकारी, जिला प्रशासन के अधिकारीगण, बाल कल्याण समिति, चाईल्ड लाईन आदि को सूचना दी जा सकती है तथा उनके द्वारा सूचना देने वाले का नाम गुप्त रखा जाता हैं। बेविनार में यूनीसेफ श्री सुनील सेन ने भी बाल-विवाह विषय पर अपने विचार व्यक्त किये।

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