काशीपुर के रहने वाले जितेंद्र भट्ट की बेटी रागिनी के फर्स्ट पीरियड्स को उन्होंने उत्सव की तरह मनाया। रिश्तेदारों को बुलाकर केक काटा और केक पर लिखा था- Happy Periods Ragini. ऐसी सोच की हर कोई तारीफ कर रहा है।
बेटी को हौसला देने के लिए उठाया कदम
जितेंद्र भट्ट को जब उनकी पत्नी भावना ने बताया कि उनकी बेटी रागिनी को पीरियड्स शुरू हो गए हैं तो बेटी थोड़ा असहज हो गई है। इसके बाद माता-पिता ने बेटी को हौसला देने के लिए उसे अपने साथ बैठाया। पीरियड्स उसके लिए किस तरह से स्पेशल हैं, इसके बारे में समझाया। इसके बाद जितेंद्र भट्ट ने पार्टी का आयोजन भी किया।
जितेंद्र भट्ट ने खुलकर की बात
रागिनी के पिता जितेंद्र भट्ट ने बताया कि जब वे छोटे थे, तब उन्हें इस बात की ज्यादा जानकारी नहीं थी। जब उन्होंने इसके बारे में समझना शुरू किया तो उन्हें पता चला कि जब बच्ची या महिला पीरियड्स होते थे, तब उन्हें बड़ी हीन भावना से देखा जाता था। अगर कोई महिला किसी भी सामान को छू देती थी तो उसे अशुद्ध मानते थे। ऐसी भ्रांतियों को दूर करने के लिए उन्होंने उनकी बेटी के पहले पीरियड्स पर जश्न मनाया। ये कोई छुआछूत की बीमारी नहीं, बल्कि खुशी का दिन है।
डॉ. नवप्रीत कौर क्या कहती हैं ?
महिला रोग विशेषज्ञ डॉ. नवप्रीत कौर का कहना है कि ये जो कार्य किया गया है, ये बहुत अच्छी पहल है। जिस तरह से लोग इसे एक छुआछूत मानते हैं वो एकदम गलत है। जब किसी महिला या लड़की को पीरियड्स आते हैं तो उसके अंदर से कोई गंदगी नहीं निकलती, बल्कि यूट्रस की अंदर की लेयर सेट होती है, जिसके कारण ब्लीडिंग होती है। ये कोई बीमारी नहीं है, छुआछूत नहीं है। इस दौरान महिलाएं रोज नहाएं, मंदिर जाकर पूजा भी कर सकती हैं।
फोटो साभार-एबीपी लाईव