अपराध/ आरोप / क्राईम मध्यप्रदेशन्यायिक क्षेत्र में ऐतिहासिक फैसला ,16 करोड की जमीन घोटाले के आरोपी को हुआ आजीवन कारावास एवं 50 हजार रू का अर्थदण्ड, 250 व्यक्तियों के साथ किया गया था आरोपी के द्वारा छल by Public Look 24 TeamJune 2, 2022June 2, 20220478 जनसंपर्क अधिकारी लोक अभियोजन श्री मनोज त्रिपाठी एडीपीओ, जिला भोपाल ने बताया कि माननीय न्यायालय सप्तम अपर सत्र न्यायाधीश, भोपाल के आपराधिक सत्र प्रकरण क्रमांक 370/11 थाना कोहेफिजा के अपराध क्रमांक 337/10 में आरोपी रमाकांत विजयवर्गीय पिता स्व. बापूलाल विजयवर्गीय, को धारा 420 भादवि में 7 वर्ष के सश्रम कारावास तथा 10000/-रूपए अर्थदण्ड, धारा 467 भादवि में आजीवन कारावास व 20000रू अर्थदण्ड, धारा 468 भादवि में 7 वर्ष सश्रम कारावास व 10000रू अर्थदण्ड, व धारा 471 भादवि में 2 वर्ष सश्रम कारावास व 10000रू अर्थदण्ड , अर्थदण्ड की राशि जमा न करने पर सभी धाराओं में 6-6 माह का अतिरिक्त सश्रम कारावास से दण्डित किया गया। उक्त प्रकरण में शासन की ओर से पैरवी श्री निसार अहमद मंसूरी, अपर लोक अभियोजक द्वारा की गयी।घटना का विवरण :-संक्षिप्त में घटना इस प्रकार है कि दिनांक 20.06.2010 को अभियुक्त रमाकांत विजयवर्गीय द्वारा ग्राम लाउखेडी स्थित पंचवटी कॉलोनी, एयरपोर्ट रोड भोपाल में स्थित 25 एकड कृषि भूमी को भूमी स्वामी माहाराज सिंह, दिलिप सिंह, राम बाई व अन्य किसानों से 20 लाख रूपये प्रति एकड के हिसाब से उक्त भूमि पर विकास कार्य करने हेतु विक्रय अनुबंध करवाया और उक्त अनुबंध 6 वर्ष का हुआ था जिसे उसे संपूर्ण कृषि भूमि के पैसे 6 माह के अन्तराल में देने थे। उसके द्वारा आधी जमीन कंपनी डी आई एल के नाम से अनुबंध किया और आधी जमीन श्रीराम बिल्डकॉन्स के नाम से अनुबंध पत्र करवाया और आरोपी के द्वारा श्रीराम बिल्डकॉन्स अपने पार्टनर से भी छल किया। जिसके कारण डी आई एल कंपनी से अपना अनुबंध-पत्र निरस्त कर दिया था। इसी तारतम्य में डी आई एल फेस-3 की जमीन के संबंध में फर्जी लेआउट प्लान फर्जी दस्तावेज निर्मित कर उस जमीन पर विकास कार्य नहीं करवाते हुऐ किसानों की अनुमति के बिना उक्त प्लाटों को 250 उपभोक्ताओं को बेचा और उनसे करोडों रूपये इकठ्ठा किया और आरोपी द्वारा प्लाट के आवंटियों को न तो प्लाट पर कब्जा करवाया गया और न ही रजिट्रिरी करवाई गई और न ही पैसे वापस दिये गये। औैर उसके द्वारा अनुबंध के अनुसार किसानों से भी ठगी की गई। इस हेतु किसानों ने मुख्तारनामा और अनुबंध पत्र निरस्त कर दिया। अभियुक्त ने 250 प्लाट के आवंटियों को फर्जी दस्तावेजों के आधार पर छूठा सपना दिखा कर और अपना ऑफिस बंद कर फरार हो गया जिसे लुक आउट वारंट जारी कर एयर पोर्ट से पकडा , अभियुक्त रमाकांत विजयवर्गीय विदेश भागने की फिराक में था। माननीय सप्तम अपर न्यायाधीश के समक्ष 31 अभियोजन साक्षियों के कथन करवाये आरोपी द्वारा अपनी ओर से 2 बचाव साक्षियों के कथन करवाये। लगभग हजारों प्रदर्श एवं आर्टिकल प्रदर्शित किये गये। तत्पश्चात आरोप सिद्ध होने से माननीय अपर सत्र न्यायाधीश द्वारा आजीवन कारावास से दण्डित किया। न्यायालय द्वारा अभियोजन के तर्को, साक्ष्यों एवं दस्तावेजों से सहमत होते हुये आरोपी को उक्त दण्ड से दण्डित किया गया। यह फैसला न्यायिक क्षेत्र में ऐतिहासिक फैसला है।