अतिरिक्त जिला अभियोजन अधिकारी श्री रामलाल रन्धावे द्वारा अभियोजित प्रकरण में मा. अपर सत्र न्यायाधीश श्री आर. के. पाटीदार ने नाबालिक बालिका का अपहरण कर बलात्कार करने वाले आरोपी जयपाल पिता केशव कोरकू निवासी ग्राम तुकईथड. खकनार, जिला बुरहानपुर को धारा 376 (2) (एन) भा.द.सं. एक्ट के अपराध के लिये 10 वर्ष का सश्रम कारावास एवं 10000 अर्थदण्ड), धारा 366 भा.द.सं. 5 वर्ष का सश्रम कारावास एवं 2000 अर्थदण्ड से दंडित किया । अतिरिक्त. जिला अभियोजन अधिकारी श्री रामलाल रन्धावे ने बताया कि, दिनांक 7-04-2019 को अभियोक्त्री व उसके माता-पिता खाना खाकर सो गये रात करीब 3 बजे फरियादी ने देखा तो उसकी बेटी उसकी खटिया पर नहीं दिखी फरियादी द्वारा उसकी तलाश की गई लेकिन वह नही मिली, आरोपी जयपाल भी घर पर नही था जिससे फरियादी को आरोपी जयपाल पिता केशव पर शक हुआ कि वह उसकी नाबालिक बेटी को वह भगा कर ले गया है। फरियादी की रिपोर्ट पर थाना खकनार द्वारा आरोपी के विरूदध अपराध क्रमांक 255/2019 व धारा 363, 366ए, 323, 34 भादवि का अपराध पंजीबदध किया गया। विवेचना के दौरान अभियोक्त्री ने बताया कि ग्राम तुकईथड में आरोपी जयपाल ने उसके घर का दरवाजा खडखडाया और उससे कहा कि उसे जरूरी बात करनी है तथा उसे बहला फुसलाकर ग्राम बिजौरी फाटे तक पेदल लेकर गया वहॉ खेत में जबरदस्ती उसके साथ दूष्कर्म किया और अगले दिन उसे ईच्छापुर ले गया फिर आरोपी जयपाल उसे भगाकर मुम्बई ले गया और अभियोक्त्री के साथ बार-बार दूष्कुर्म किया फिर उसके पिताजी और पुलिस ने आकर उसे आरोपी जयपाल के कब्जे से दस्तयाब किया। पुलिस द्वारा विवेचना उपरांत अभियोग पत्र न्यायालय में प्रस्तुत किया गया।
प्रकरण की गंभीरता को देखते हुये श्रीमान जिला दण्डाधिकारी महोदय एवं जिला पुलिस अधीक्षक महोदय द्वारा प्रकरण को सनसनीखेज एवं जघन्य प्रकरण की श्रेणी में रखा गया। प्रकरण नाबालिक बालिका के विरूद्ध होने वाले अपराधों के कारण गंभीर प्रकृति का है । इस प्रकरण में शासन की ओर से सफलतापूर्वक पैरवी अति.जिला अभियोजन अधिकारी श्री रामलाल रन्धावे द्वारा की गई उन्होने साक्षीयो पर नियंत्रण कर प्रकरण में प्रभावशाली बहस करते हुए अभियोजन के पक्ष में मा. सर्वोच्च न्यायालय और उच्च न्याायालय के महत्वपूर्ण न्यायदृष्टांत प्रस्तुत किए, जिसके पश्चाात आरोपी को माननीय न्यायालय से धारा 376 (2) (एन) भा.द.सं. एक्ट के अपराध के लिये 10 वर्ष का सश्रम कारावास एवं 10000 अर्थदण्ड, धारा 366 भा.द.सं. 5 वर्ष का सश्रम कारावास एवं 2000 अर्थदण्ड से दंडित कराया।
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