अतिरिक्त जिला लोक अभियोजन अधिकारी श्री रामलाल रन्धावे द्वारा अभियोजित प्रकरण में मा. अपर सत्र न्या्याधीश श्री आर. के. पाटीदार ने नाबालिक बालिका से बलात्कार करने वाले आरोपी प्रवीण पिता सुखलाल निवासी धुलकोट बहादरपुर, जिला बुरहानपुर उम्र 27 वर्ष को धारा 363, भा.द.सं. एक्ट के अपराध के लिये 03 वर्ष का सश्रम कारावास एवं 1,000 अर्थदण्ड, धारा 376 भा.द.सं. व धारा 4 सहपठित धारा 6 लैंगिक अपराधों से बालकों का संरक्षण अधिनियम, 2012 के अपराध के लिये 10 वर्ष के सश्रम कारावास एवं 10,000 अर्थदण्ड, से दंडित किया ।
अतिरिक्त जिला अभियोजन अधिकारी श्री रामलाल रन्धावे ने बताया कि, दिनांक 27-04-2019 को फरियादिया उसकी मॉ और उसका भाई के साथ थाना आकर रिपोर्ट दर्ज की। फरियादिया ने बताया कि मैं ग्राम धुलकोट रहती हुँ तथा प्राईवेट छात्रा के रूप में कक्षा 10 वी की परीक्षा दी है। मैं दिनांक 26.04.2019 को गॉव में शादी में गई थी, वहॉ मरे मामा जो मेरे गॉव में ही रहते हैं मिले जो मुझे अपने साथ उनके घर ले गये थे रात होने से में मामा के घर रूक गई थी मै व मेरे मामा व मामी उनके घर के आंगन में अलग-अलग खटियाओं पर सो रहे थे। मेरी रात में करीबन पौने 12 बजे नींद खुली तो मै मामा के घर के पिछे बाथरूम करने के लिये गई जहॉ पर मामा के घर के पिछे रहने वाला आरोपी प्रवीण पिता सुखलाल आया व मेरा मुहं दबाकर उसके घर के आंगन मे ले गया जहां मेरी इच्छा के विरूध्द मेरे साथ आरोपी प्रवीण ने बलात्कार किया मै चिल्लाई परंतु रात होने से कोई नहीं आया मै बेहोश हो गई। मेरे मामा ने मेरे मुह पर पानी छीटा तो में होश में आई देखा तो मै मेरे मामा के आंगन में थी बेहोशी में मुझे आरोपी प्रवीण मेरे मामा के आंगन में छोड गया था। मेरे मामा ने मेरी मॉ को उनके घर बुलाया और मेरी मॉ के साथ में घर पर आ गई डर के कारण मैने मेरी मॉ व मामा मामी को घटना नहीं बताई थी कल शाम को मैने मॉ को घटना बताई आज मैं मेरी मॉं व भाई के साथ रिपोर्ट करने थाने आई हॅु। रिपोर्ट करती हुँ। कार्यवाही की जावे। फरियादिया की शिकायत के आधार पर पुलिस द्वारा धारा 376, 4/6, भादवि, पॉक्सों एक्ट के अन्तर्गत प्रकरण दर्ज किया। पुलिस ने आरोपी को गिरफतार कर अभियोग पत्र न्यायालय में प्रस्तुत किया।
प्रकरण नाबालिक बालिका के विरूद्ध हाने वाले अपराधों के कारण गंभीर प्रकृति का है इस कारण से इस प्रकरण में शासन की ओर से सफलतापूर्वक पैरवी अति.जिला अभियोजन अधिकारी श्री रामलाल रन्धांवे द्वारा की गई उन्होने साक्षीयो पर नियंत्रण कर प्रकरण में प्रभावशाली बहस करते हुए अभियोजन के पक्ष में मा. सार्वोच्च न्यायालय और मा. उच्च न्यायालय के महत्ववपूर्ण न्यायदृष्टांत और तर्क प्रस्तुत किए जिसके पश्चात धारा 363, भा.द.स. के अपराध के लिये 03 वर्ष का सश्रम कारावास एवं 1,000 अर्थदण्ड, धारा 376 भा.द.सं. व धारा 4 सहपठित धारा 6 लैंगिक अपराधों से बालकों का संरक्षण अधिनियम, 2012 के अपराध के लिये 10 वर्ष के सश्रम कारावास एवं 10,000 अर्थदण्ड से दंडित किया ।