महाराष्ट्र राज्य में 2012 से गुटखा बंदी होते हुए भी रायगड जिल्हा में गुटका आसानी से बेचा जा रहा है जिल्हा के सभी छोटे बड़े शहरों में गांव में पान टपरी वाले फेरीवाले खुलेआम बेचा जाता है.
पेण, रामवाडी, वडखल, पोयनाड, पेजारी, वाडगांव, अलीबाग, मारुति नाका, बस स्टैंड, वायशेत, चौंढ़ी, रेवस, हाशिवरे, कार्लेखिंड, कुरूल, नागांव, चौल, रेवदंडा, वावे, रामराज, मुरुड, रोहा, नागोठना, माणगांव, श्रीवर्धन, महसला, इंदापुर, खालापुर, खोपोली इन जगहों पर गुटखा बिक्री खुलेआम होती है इन सभी पदार्थों की गलत रास्तों से आवाजाही और बिक्री होती है. इन सभी जगहों पर गुटखा के बड़ी मात्रा में गोडाउन है. यह सभी जानकारी सूत्रों से प्राप्त हुई है. ऐसा भी गुटका माफिया देर रात में अन्यथा सुबह प्रात काल में कार, टेंपो और रिक्शा टू व्हीलर के जरिए से गुटखा बिक्री और माल की हेराफेरी होती है इससे युवापीढ़ी के आरोग्य(स्वास्थ्य पर) इसके गंभीर परिणाम करने वाले इस बेकायदा अवैध धंधे को लगाम लगाने में फूड एंड ड्रग एडमिनिस्ट्रेशन और प्रशासन और पुलिस डिपार्टमेंट को मिलती हुई नाकामयाबी की वजह से लोगों में नाराजगी व्यक्त हो रही है.
गुटखा और तंबाकू अन्य वस्तु का सेवन करना आज की फैशन बन रही है इन पदार्थों के सेवन से राज्य में कर्करोग(कैंसर) जैसी गंभीर बीमारियां पैदा होती है इसके लिए राज्य सरकार ने 2012 से गुटखा, पान मसाला, सुगंधित तंबाकू, सुगंधित सुपारी और सभी तंबाकू जन्य पदार्थों की बिक्री पर पाबंदी लगा दी थी. शुरुआती दौर में कठोर कार्रवाई की जाती थी पर इस वक्त वे सभी पदार्थ खुलेआम बेचे जा रहे हैं.
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