बुरहानपुर (इक़बाल अंसारी) ऑल इंडिया मजलिस ए इत्तेहादुल मुस्लिमीन (एआईएमआईएम पार्टी) की एक आम सभा स्थानीय इक़बाल चौक मंडी चौराहा पर सोमवार की रात संपन्न हुई।पार्टी के ज़िला अध्यक्ष एडवोकेट ज़हीर उद्दीन शेख़ द्वारा सभी पार्टी कार्यकर्ताओं एवं पदाधिकारियों को सोशल प्लेटफॉर्म के माध्यम से निर्देश दिए गए थे कि पार्टी की आमसभा संबंधित सूचना को अपनी अपनी डीपी पर रखें। पार्टी की आमसभा सोशल मीडिया के प्लेटफार्म से जन चर्चा का विषय बनी हुई है।एमआईएम की बुरहानपुर ज़िला ईकाई द्वारा आयोजित इस आम सभा में विभिन्न जनहित के मुद्दों को लेकर की गई थी, जो चर्चा का विषय बनी हुई है। उक्त सभा को एमआईएम के प्रदेश कोर कमेटी सदस्य एवं पूर्व प्रदेश सचिव एडवोकेट सोहेल इस्माईल हाशमी, नगर अध्यक्ष सीनियर एडवोकेट ज़हीर उद्दीन शेख़, सचिव इमरान हुसैन, वरिष्ठ नेता मकतूम मियां आदि ने संबोधित किया। पिछले महापौर चुनाव में एम आई एम के टिकट पर महापौर के उम्मीदवार रहे एडवोकेट सोहेल इस्माईल हाशमी ने अपने संबोधन में कहा कि कांग्रेस को एकतरफा वोट देने से हिंदू हमारे दुश्मन हो गए हैं। हमने भाजपा का विरोध करके हिंदुओं को अपना दुश्मन बना लिया है और हम जिस मक़सद के लिए यानी भाजपा और सांप्रदायिक दलों को हराने के लिए वोट देते थे, उस मक़सद में भी हम कामयाब नहीं हुए। पार्टी के नगर अध्यक्ष एवं वरिष्ठ अधिवक्ता ज़हीर उद्दीन शेख़, जो कि वक्फ संपत्तियों के घोटालों को लेकर लंबे समय से आवाज़ बुलंद कर रहे हैं, ज़िले के प्रशासनिक अधिकारियों को ज्ञापन दे रहे हैं, ने वक्फ बोर्ड की संपत्तियों की अफरा तफरी के बारे में विस्तार से आम जनता को अवगत कराया। पार्टी के नगर सचिव इमरान हुसैन ने ज़िला हॉस्पिटल में स्टाफ एवं अन्य कमियों के बारे में अपनी बात रखी। पार्टी के वरिष्ठ नेता मकतूम मियां ने बुरहानपुर में किन-किन ट्रैनों का स्टॉपेज होना चाहिए, इस बारे में जनता को बताया। आम सभा को रिज़वान साहब, आसिफ़ भाई राहत मेडिकल, सैय्यद रफीक, अमान मोहम्मद गोटे वाला ने भी संबोधित किया। सभा का संचालन हाफ़िज़ अहमदुल्लाह आज़ाद ने किया। जलसा ए आम में भारी संख्या में जनता मौजूद थी। सियासी पंडितों के मुताबिक ऐसा माना जा रहा है कि यह आम सभा आने वाले विधानसभा चुनाव के दंगल में उतरने का इशारा है। एम आई एम पार्टी द्वारा महापौर चुनाव में अपने राष्ट्रीय अध्यक्ष एवं सांसद बैरिस्टर असदुद्दीन ओवैसी हैदराबाद को बुलाकर, जनसंपर्क एवं आमसभा करवा कर एवं अच्छे वोट प्राप्त करके नगर की अल्पसंख्यक जनता में अपनी अच्छी पैठ स्थापित की है। हालांकि महापौर इलेक्शन में कांग्रेस पार्टी की मुस्लिम कैंडिडेट की हार में खेला करने का और बीजेपी की बी टीम का आरोप भी है। लेकिन सियासी इल्ज़ामात के बावजूद एम आई एम के कार्यकर्ताओं में जोश और वलवला है। और यह आमसभा उसी का संकेत दे रही है कि आगामी विधानसभा चुनाव के दंगल में एम आई एम पार्टी लंगोट बांधकर उतरने की तैयारी में है और राजनैतिक पार्टियों का खेल बिगाड़ेगी। सियासी जानकारों के मुताबिक एम आई एम के मैदान में उतरने से ज़्यादा नुक़सान कांग्रेस पार्टी का होने का अंदेशा ज़ाहिर किया जा रहा है क्योंकि अन्य राजनैतिक पार्टियों के उम्मीदवार के खड़े होने से सिर्फ़ और सिर्फ़ अल्पसंख्यक समुदाय के वोटों का बिखराव होता है, जबकि बहुसंख्यक समुदाय के वोटों का बिखराव नहीं होता है और बहुसंख्यक समाज के वोटों के एकत्रीकरण का फ़ायदा भाजपा को मिलता है और भाजपा की सीट निकल जाती है जैसा कि पिछले महापौर इलेक्शन का अनुभव सामने है। आगामी विधानसभा चुनाव में एम आई एम के सियासी मैदान में आने से किस राजनैतिक दल का खेल बिगड़ता है और किसको फायदा होता है यह तो आगामी सियासी समीकरण पर निर्भर है और आने वाला समय ही बताएगा। बस इंतजार कीजिए।