इंदौर – जिला लोक अभियोजन अधिकारी श्री संजीव श्रीवास्तव, ने बताया कि दिनांक 25.03.2023 को माननीय न्यायालय- श्रीमती सुरेखा मिश्रा, तेरहवे अपर सत्र न्यायाधीश एवं विशेष न्यायाधीश (पॉक्सो एक्ट) , जिला इंदौर ने थाना बाणगंगा, जिला इंदौर के चिन्हित एवं सनसनीखेज अपराध क्रमांक 1061/2018 विशेष प्रकरण क्रमांक 2166/2018 में निर्णय पारित करते हुए आरोपी XYZ आयु 50 वर्ष, निवासी –जिला इंदौर को धारा 376 (क)(ख) भादवि मे 20 वर्ष सश्रम कारावास एवं धारा 363, 366-ए भा.दं.सं. में 07- 07 वर्ष का सश्रम कारावास एवं पॉक्सो एक्ट की धारा 5एम/6 मे 10 वर्ष का सश्रम कारावास तथा कुल 3000/- रुपये के अर्थदण्ड से दण्डित किया गया। प्रकरण में अभियोजन की ओर से सशक्त पैरवी विशेष लोक अभियोजक श्रीमती सुशीला राठौर एवं एडीपीओ अमिता जायसवाल द्वारा की गई।
नोट – माननीय न्यायालय ने पीडित बालिका को 80,000/ रूपये प्रतिकर राशि दिलवाये जाने की अनुशंसा की एवं न्यायालय द्वारा अपने निर्णय मे टिप्पणी की गई कि फूफा एवं भतीजी का रिश्ता भरोसे का रिश्ता होता है जिस कारण से पीडिता उसके साथ भरोसा करके चली गई और उस भरोसे का अनुचित लाभ उठाकर आरोपी ने उसके साथ घृणित अपराध किया जिस कारण आरोपी पर उदारता बरती गई तो समाज पर विपरीत प्रभाव पडेगा ।
अभियोजन का मामला संक्षेप में इस प्रकार है कि दिनांक 03/10/18 को पीडित की मॉ ने, पीडिता और पीडिता की बुआ के साथ थाना आकर मौखिक रिपोर्ट दर्ज कराई कि मै कम्पनी मे नौकरी करती हूँ । जब मै व मेरा पति काम करने जाते है तब मेरा 9 साल का लडका व 8 साल की लडकी घर पर अकेले रहते है। जब मै काम करके घर वापस आई तब मेरी लडकी उम्र 8 वर्ष ने मुझे व मेरी ननद को बताया कि 29/09/18 की बात है, मै कम्पनी में काम करने गई थी तब मेरे घर के पास रहने वाले आरोपी फूफा ने मुझे बुलाया और अपने कमरे में ले गया और वहा पर मेरे कपड़े उतारकर मेरे साथ गंदी हरकत की। और जब पीडिता मना करने लगी तो उसे जान से मारने की धमकी देने लगा, जिससे मेरी बेटी पीडिता ने डर के कारण उस दिन घटना नही बताई। उसके बाद जब लड़की ने मुझे व ननद को घटना की बात बताई तब मैने अपने पति को भी घटना बताई फिर हम सभी ने थाने आकर रिपोर्ट की । उक्त सूचना पर से आरोपी के विरूद्ध अपराध क्रं 1061/2018 धारा 376 (2) (1), 376 (क) (ख), 506, 354 भा.द.वि एवं 5(M)/6 पास्को एक्ट के अंतर्गत अपराध पंजीबद्ध किया गया।पीडिता का मेडिकल परिक्षण कराया गया एवं साक्षियो के कथन लेखबद्ध किये गये एवं संपूर्ण विवेचना उपरांत आरोपी XYZ के विरूद्ध न्यायालय मे चालान पेश किया गया । जिस पर से आरोपी को उक्त् सजा सुनाई गई।
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