आज पुरुषोत्तम माह के तीसरे दिन श्री स्वामीनारायण दिव्य अभिषेक के बाद व्यास पीठ पर विराजित परम पूज्य शास्त्री राजेंद्र प्रसाद दास जी ने कहा कि इस पुरुषोत्तम मास में सबसे बड़ा धर्म मंत्र जाप पूजन अभिषेक करना चाहिए जैसा कि निजी मंदिर में सुबह से ही मंत्र जाप और पूजन के साथ दिव्या अभिषेक के दर्शन होते हैं और इस दिव्य अभिषेक के दर्शन करने मात्र से व्यक्ति भवसागर पार हो जाता है साथ ही इस पुरुषोत्तम मास में मंत्र जप तप और महापूजा से व्यक्ति के सारे संकटों के साथ-साथ पाप भी नष्ट हो जाते हैं महा पूजन आयोजन में भक्तों को पत्नी बैठना चाहिए जब महा पूजन में व्यक्ति सजोड़ बैठता है तो उसे सीधे मोक्ष का मार्ग आसान हो जाता है इस हेतु एकादशी 29 जुलाई को महा पूजा का आयोजन रखा गया है इस महापूजा में सभी ईश्वर के भक्तों को मानने वाले लाभ लेना चाहिए यदि हम पुरुषोत्तम मास के अभिषेक का पवित्र जल की एक बूंद भी हमारे शरीर पर पड़ जाए तो जन्म जन्म के पाप भस्म हो जाते हैं और उसका जीवन सफल हो जाता है व्यक्ति को चार चीजों से हमेशा दूर रहना चाहिए को ग्राम वास को जन्म को भोजन और क्रोध से भरी पत्नी यानी को ग्राम वास जहां ना साधु होना संत हो ना भगवान का मंदिर हो और जहां सज्जन भी नहीं जाते हो उसी स्थान को ग्राम वास की संज्ञा दी है ऐसी जगह से हमें परहेज करना चाहिए वही पूजन यानी ऐसे लोग जो हमेशा दूसरों को सताने उनका मजाक उड़ाने मैं विश्वास रखते हो ऐसे लोगों को पूजन कहा गया है उनसे सदैव दूर रहना चाहिए तो वही को भोजन यानी आजकल मिलने वाला फास्ट फूड जो खुलेआम लोग जाकर उसे खाना पसंद करते हैं ऐसे भोजन को संतो ने कुभोजन कहा है, और क्रोधित पत्नी जिसे हमेशा छोटी-छोटी बातों पर क्रोध आता है उन्हें भी सत्संग में साथ लाने से उनका क्रोध दूर हो जाता है।
जो भक्त सदेव माता-पिता और साधु-संतों का आशीर्वाद और उन पर यदि भगवान की कृपा हो जाए तो वह व्यक्ति जीवन में कभी भी परास पराजय इन हासिल नहीं करता वहां सदैव ऊंचाइयों को छूता है यही नहीं उसके जीवन में आने वाले कठिन समय को भी भगवान दूर कर देते हैं .